
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही सभी शुभ कार्य भी शुरू हो चुके हैं। देशभर में माता रानी की पूजा अर्चना की जा रही है। जगह-जगह पर पंडालों पर माता रानी को स्थापित कर श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। साथ ही घरों में भी माता रानी को विराजमान किया गया है। 9 दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व पर माता रानी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान नवरात्रि पर माता रानी का 16 श्रृंगार कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। जो भी नवरात्रि के पावन पर्व पर माता रानी का 16 श्रृंगार करता है। उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। क्योंकि इसके पीछे की एक खास वजह है। जिसकी वजह से माता रानी का सोलह श्रंगार जरूर करना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा के 16 श्रृंगार किया जाता है। साथ ही विवाहित महिलाएं भी इन दिनों में अच्छे से सज धज कर माता रानी की पूजा करती है। मां दुर्गा के 16 श्रृंगार में फूलों का श्रृंगार भी एक है। इसे काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं फूलों की महक मां को ताजगी देती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। इसके साथ ही घर में सुख और समृद्धि भी आती है। और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है यही वजह है कि भारतीय संस्कृति में 16 श्रृंगार को हमेशा अच्छा माना गया है। नवरात्रि में मां को सोलह श्रंगार जरूर करना चाहिए। ऋग्वेद में सौभाग्य के लिए सोलह श्रंगार का महत्व माना गया है। मां दुर्गा को नवरात्रि पर 16 श्रृंगार करने से घर में सुख समृद्धि आती है। और मां अपने भक्त की की हर मनोकामना पूरी करती हैं।
सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए चौकी लें
उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाए।
उसके बाद इस पर मां की मूर्ति या तस्वीर रखें।
मां को कुमकुम का टीका लगाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं, जैसे मां दुर्गा को लाल रंग पसंद है इसलिए पूजा के समय माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद चुनरी, चूड़ी, बिछिया ,इत्र ,सिंदूर, बिंदी ,मेहंदी ,काजल , मंगलसूत्र या गले के लिए माला आदि माता को श्रृंगार में अर्पित करें।
फूलों का श्रृंगार
16 श्रृंगार में फूलों का श्रृंगार बेहद महत्व माना गया है। फूलों की महक मन को ताजगी प्रदान कर देती है महिलाएं माता रानी का फूलों से श्रृंगार कर सकती हैं।
बिंदी
माथे पर लगा सिंदूर का टीका बिंदी शरीर में सकारात्मक संचार करता है। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है
मेंहदी
किसी भी प्रकार त्योहार पर सुहागन महिलाओं को श्रृंगार में मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है वैसे ही माता रानी को सोलह श्रंगार में मेहंदी जरुर चढ़ाएं । यह ठंडक प्रदान करता है। इससे त्वचा संबंधी रोग समाप्त होते हैं।
सिंदूर
मांग का सिंदूर सुहागन की निशानी माना जाता है। सिंदूर चेहरे की खूबसूरती निखरता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका वैज्ञानिक आधार है कि मांग का सिंदूर शरीर में विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करता है।
मंगलसूत्र
काले मोती का मंगलसूत्र पहनने से ग्रहों की नकारात्मकता रोकने में सहायता मिलती है।गले में मंगलसूत्र पहनने से हृदय संबंधी बीमारी खत्म होती है।
कान के कुंडल
मान्यता है कि कान में पहने जाने वाले आभूषणों से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है इतना ही नहीं कान छेदन से आंखों की रोशनी में तीव्र होती है। और सिर दर्द की समस्या से निजात मिलती है।
माथे का टीका
माथे पर टीका सुंदरता को बढ़ता ही साथ ही इसका वैज्ञानिक आधार भी है। इससे सिर दर्द की समस्या नहीं रहती।
कंगन
हाथों में कंगन, चूड़ियां पहनने से शरीर रक्त की चाल सही रहती है। अगर रक्त संचार सही होता है तो शरीर में थकान नहीं होती है l साथ ही हारमोंस को भी बैलेंस रखता है।
बाजूबंद
बाजूबंद पहनने से भुजाओं में रक्त प्रवाह ठीक बना रहता है। साथ ही दर्द राहत मिलती है।
कमर बंद
श्रंगार में कमर दर्द में बंद को बहुत महत्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है इसे पहनने से अंदर के विकारों में आराम मिलता है।
पायल
पायल पहनने से पैरों से निकलने वाली शरीर के विद्युतीय ऊर्जा शरीर में रहती है। इतना ही नहीं ऐसा माना जाता है कि किस पैरों की हड्डी मजबूत होती है।
बिछिया
मांग के सिंदूर की तरह ही बिछिया भी सुहाग की प्रमुख निशानियां मानी जाती है। यह केवल पैरों के सुंदरता नहीं बढ़ाता बल्कि नर्वस सिस्टम तथा मांसपेशियों को मजबूत रखता है।
नथनी
नथनी भी सोलह सिंगार का प्रमुख अंग है। इसके वैज्ञानिक महत्व की बात की जाए तो नाक में स्वर्ण का कार्य आभूषण पहनने से महिला को सभी प्रकार में दर्द में राहत मिलती है।
अंगूठी
अंगूठी पहनना शरीर में रक्त के संचार को नियंत्रित रखता है। यह हाथों की सुंदरता को बढ़ाता है। अंगूठी पहनने से शरीर में आलस कम होता है।
काजल
काजल आंखों की सुंदरता को तो बढ़ता है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है।
मेकअप
मेकअप से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है। साथ ही महिलाओं की सोच को भी बढ़ाता है। और एनर्जी बनाए रखता है।