Raftaar Desk - J1
मां का दूध बच्चे के लिए अमृतपान से कम नहीं है। इसके बाद भी महिलाएं भ्रांतियों के चलते अपने बच्चे को स्तनपान कराने से कतराती हैं। मां की बदलती सोच बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालती है
विश्व स्तनपान सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे बच्चे यह कारण है कि इसके महत्व को पूरे विश्व तक पहुंचाया जा सके
चिकित्सक जन्म के बाद बच्चों को मां का दूध पिलवाते हैं। इसके बाद भी कम से कम छह माह तक बच्चे को मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि मां का दूध छोटे बच्चों के लिए संपूर्ण आहार है, जिसमें बच्चे को सेहतमंद रखने और उनके उचित विकास के लिए सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं
स्तनपान करवाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा हुआ वजन आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है
बच्चे के जन्म के दौरान मां के शरीर में कई घाव बन जाते हैं तो इसे भी भरने का काम करता है स्तनपान
स्तनपान कराने से महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर होने का खतरा भी कम हो जाता है
स्तनपान आपके और आपके बच्चे के बीच के संबंध को और मजबूत करता है और डिलीवरी के बाद होने वाले तनाव, अवसाद से बचाने में भी मदद कर सकता है