Raftaar Desk SP1
नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। इस दौरान भक्त 9 दिनों तक देवी मां की पूजा आराधना करते हैं। क्या आप जानते है कि देवी मां अपने आठ भुजाओं में आठ अस्त्र धारण क्यों करती हैं। और यह अस्त्र शस्त्र किनसे मिले हैं।
मां भगवती के हाथों में शोभा देते हुए चक्र को विष्णु भगवान ने भक्तों की रक्षा के लिए देवी को प्रदान किया था। भगवान विष्णु ने यह चक्र खुद अपने चक्र से उत्पन्न किया था।
मां दुर्गा को त्रिशूल स्वयं भगवान शंकर ने भेंट किया था। भगवान शिव ने इसे त्रिशूल से त्रिशूल निकालकर मां दुर्गा को भेंट किया था। इस त्रिशूल से देवी ने महिषासुर समेत अन्य असुरों का वध किया था।
देवी माता को अपने वज्र से एक दूसरा वज्र निकालकर देवराज इंद्र ने भेंट किया था। यह वज्र अत्यंत शक्तिशाली था और जब युद्ध भूमि पर देवी इसे निकालती थी तो उसके प्रहार से आसुर युद्ध के मैदान से भाग खड़े होते है।
मां भगवती को यमराज ने अपने कालदंड से निकालकर दंड भेंट किया था। देवी ने युद्ध भूमि में दैत्यों को दंड पाश से बांधकर धरती पर घसीटा था।
मां भवानी को धनुष और बानो से भरा तरकश स्वयं पवन देव ने भेंट किया था असुरों से युद्ध के दौरान देवी इसी धनुष और बाण से प्रहार करती थी।
देवी मां के हाथों में सुशोभित तलवार और ढाल यमराज ने भेंट की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां भगवती ने असुरों का सर्वनास इसी तलवार और ढाल से किया था।
देवराज इंद्र ने ऐरावत हाथी के गले से घंटा उतारकर देवी को दिया था, इस घंटे की भयंकर ध्वनि से असुर मूर्छित हो गए थेऔर फिर उनका संहार हुआ था।
भगवान विश्वकर्मा ने मां दुर्गा को अपनी ओर से फरसा प्रदान किया था। चण्ड मुंड का सर्वनाश करने वाली देवी ने काली का रूप धारण कर हाथों में तलवार और फरसा लेकर असुरों से युद्ध किया था।
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व बेहद ही खास माना जाता है। नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इस दौरान लोग मां भगवती की भव्य प्रतिमा की स्थापना कर नौ दिनों तक उनके विभिन्न स्वरूपों की उपासना करते हैं।
देवी भागवत पुराण के अनुसार महिषासुर नामक एक असुर ने देवलोक पर अधिकार कर लिया था। तब सभी भगवान महिषासुर से मुक्ति पाने के लिए अलग-अलग अस्त्र शस्त्र मां दुर्गा को भेंट किए थे।