GI Tag: क्या होता है 'भौगोलिक संकेत', कौन देता है और किन चीजों को अब तक मिल चुकी है इसकी मान्यता? जानें यहां

Raftaar Desk - K1

जीआई का अर्थ Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत होता है। जीआई टैग एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जीआई टैग भारत की संसद 'रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दिया जाता है।

What is GI Tag? | Social Media

वेंकटगिरी साड़ी, आंध्र प्रदेश: वेंकटगिरी साड़ी न केवल आंध्र प्रदेश का गौरव है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत का भी हिस्सा है। ये साड़ियाँ मुख्य रूप से हथकरघा साड़ी हैं।

वेंकटगिरी साड़ी | Social Media

कच्छ शॉल, गुजरात: कच्छ ज़िला, 45,691 वर्ग किलोमीटर (17,642 वर्ग मील) में, भारत में प्रसिद्ध दूसरे नंबर का सबसे बड़ा ज़िला है। राजधानी भुज में है जो भौगोलिक रूप से ज़िले के केंद्र में है।

कच्छ शॉल | Social Media

मिथिला मखाना, बिहार: मिथिला के मखाने को अपने उम्दा स्वाद, पोषक तत्व और प्राकृतिक रूप से उगाए जाने के तरीके को देखते हुए इसे जीआई टैग दिया गया था। 

मिथिला मखाना | Social Media

गिर केसर आम, गुजरात: गुजरात के जूनागढ़ जिले के मशहूर केसरिया आम को वैश्विक पहचान मिल गई है। गिरनार पर्वत के आसपास के इलाकों में होने वाले इस आम को 'गिर केसर' के रुप में जीआई का तमगा मिल चूका है।

गिर केसर आम | Social Media

कांगड़ा चाय, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा चाय को यूरोपियन यूनियन की ओर से भौगोलिक संकेतक का दर्जा मिल गया। GI टैग मिलने के बाद कांगड़ा से चाय सीधा यूरोपियन देशों में निर्यात हो सकेगी जिससे व्यापारी काफी खुश हुए।

कांगड़ा चाय | Social Media

बिहार की शाही लीची, बिहार: बेहतरीन स्वाद और उपज को ध्यान में रखते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की शाही लीची को जीआई टैग दिया गया। 

बिहार की शाही लीची | Social Media

हाथ से बुने हुए कश्मीरी कालीन, जम्मू और कश्मीर: जम्मू और कश्मीर सरकार में  हाथ से बुने हुए कालीनों की प्रामाणिकता और वास्तविकता को बनाए रखने के लिए अपने जीआई-टैग वाले कश्मीरी कालीन के लिए त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड शुरू किया है।

हाथ से बुने हुए कश्मीरी कालीन | Social Media

मघई पान, बिहार: मगही पान को इसकी एक अनूठी विशेषता के कारण जीआई टैग में शामिल किया गया है। दरअसल, लोग खाने के बाद या फिर जिन्हें पायरिया की समस्या है वह अधिकतर माउथ फ्रेशनर का इस्तेमाल करते हैं।

मघई पान | Social Media

मूगा रेशम, असम: मुगा रेशम का कीड़ा बहुवर्षीय है और एक वर्ष में  लगभग 5-6 फसलें उगाई जाती हैं। इसे भी जीआई टैग दिया गया है।

मूगा रेशम | Social Media

खोला मिर्च, गोवा: खोला मिर्च अपने समृद्ध मध्यम तीखे स्वाद और शानदार लाल रंग के कारण उच्च मांग में रहती है। पतली और लगभग पारदर्शी त्वचा का व्यापक रूप से लोग करी, रेचीडो मसाला, विभिन्न अचार, लाल मिर्च सॉस और अन्य व्यंजनों की तैयारी के लिए उपयोग करते हैं।

खोला मिर्च | Social Media