Raftaar Desk - T2
नया घर खरीदते समय या भवन का निर्माण करवाते समय वास्तु टिप्स का जरूर पालन करना चाहिए। वास्तु में घर के हर एक हिस्से में पॉजिटिविटी और खुशहाली लाने लिए सही रंग, फॉर्मेट, आकार और दिशाओं का सुझाव दिया गया है।
इसमें घर के आंगन के बारे में भी बताया गया है। आजकल फ्लैट्स में रहने का चलन काफी बढ़ गया है और फ्लैट्स में आंगन बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।
फ्लैट्स में बालकनी जरूर नजर आती है, लेकिन गांवों में या सैपरेट घरों में आंगन रखने का आज भी चलन है, जहां सूरज की रोशनी आती हो, जहां घर के बच्चे आपस में खेल सके।
आंगन का निर्माण करवाते समय ध्यान रखें ये बातें
वैसे तो घरों में आंगन दरवाजे के अंदर घुसते ही पूरे चौक में होता है, लेकिन कुछ लोग जगह की कमी की वजह से घर के एक हिस्से में आंगन बनवाते हैं। इसके लिए घर की पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में आंगन बनवाने से सूरज की रोशनी बनी रहती है।
आंगन का निर्माण करवाते समय ध्यान रखें ये बातें
इसके अलावा आप घर के बीचों-बीच भी आंगन का निर्माण इस तरह करवा सकते हैं कि घर के कमरे व बाकी जगह इसके चारों ओर बनवाए जा सके। बस ध्यान रहे कि सूरज की उचित रोशनी वहां बनी रहे।
आंगन का निर्माण करवाते समय ध्यान रखें ये बातें
मान्यता है कि घर के आंगन के देवता ब्रह्मा जी हैं। इसलिए घर के आंगन में कोई भी गड्ढा या कीचड़ नहीं होना चाहिए। ये बेहद ही अशुभ माना जाता है। यहां तक की घर के सामने भी कोई गड्ढा या कीचड़ नहीं होना चाहिए।
आंगन का निर्माण करवाते समय ध्यान रखें ये बातें
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के आंगन में या घर के सामने कोई भी खम्बा या बड़ा पेड़ नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।