Abhay Tripathi
शादी के बाद हिन्दू धर्म में ये कहा जाता है कि सिंदूर लगाना हर शादीशुदा महिला का धर्म होता है।अक्सर हमारे मन में ये ख्याल जरूर आता है कि महिलाएं शादी के बाद सिन्दूर क्यों लगाती है। तो आइये जानते है इससे जुड़ा हुआ ये अनोखा राज।
सिंदूर लगाने की प्रथा हिन्दू धर्म में बहुत समय से चली आ रही है और प्रमाण रामायण काल में मिलता है। एक बार हनुमान जी के पूछने पर माता सीता ने कहा था की पति की उम्र बढ़ाने के लिए हम पत्नियां सिन्दूर लगाती हैं।
वहीं शादी के बाद ही महिलाएं इसलिए सिन्दूर लगाती है क्योंकि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह में सिंदूर लगाने की परंपरा का पालन किया गया था। तब से लेकर आज तक हर हिंदू शादी ने परंपरा का पालन किया है।
हिंदू धर्म में किसी भी त्यौहार पर पति के द्वारा अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना काफी शुभ माना जाता है।
सिन्दूर लगाने की एक और मान्तया है। ऐसा मना जाता है की अगर पत्नी सिंदूर लगाती है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है।
सिन्दूर की कड़ी मां लक्ष्मी से भी जुडी है। कहते है की माता लक्ष्मी धरती पर 5 स्थान पर हैं।और पहला स्थान महिलाओ की मांग है वो विष्णु जी की पत्नी है इसी लिए शादी के बाद हर महिला अपनी मांग भरी रखती हैं।
सिंदूर स्किन के लिए भी जरूरी होता है। सिंदूर में पारा होने से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं यानी सिंदूर लगाने से महिलाओं के चेहरे पर बढ़ती उम्र के संकेत जल्दी नहीं दिखते हैं।
वास्तु के अनुसार लाल सिंदूर का पाउडर लगाने से एक चक्र सक्रिय हो जाते हैं। यह असीम और प्राणिक ऊर्जा को आकर्षित करता है।जिसके बाद यह शादीशुदा जोड़े को समृद्धि और समग्र प्रदान करता है।