Raftaar Desk RPI
गिलोय
गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज के लिए एक औषधि के रूप में किया जाता है। यह डेंगू बुखार के लिए भी एक बढ़िया औषधि है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। यह प्लेटलेट काउंट बढ़ाकर मरीज को जल्दी रिकवर होने में मदद करती है।
नीम
नीम के पत्तों का रस डेंगू वायरस को बढ़ने से रोक सकता है। डेंगू बुखार के लक्षणों की गंभीरता कम करने के लिए आप नीम की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
पपीते के पत्तों का रस
डेंगू में सबसे खतरनाक मरीजों का प्लेटलेट काउंट कम होना है इसलिए इसे बढ़ाना बहुत जरूरी है। पपीते के पत्तों को प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
कालमेघ
कालमेघ एक आयुर्वेदिक पौधा है, जिसे एंड्रोग्राफिस पेनिकुलता के नाम से भी जाना जाता है। यह कई तरह की बीमारियों में असरदार है। इसके एंटीवायरल गुण डेंगू वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं।
तुलसी के हरे पत्ते
तुलसी को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की रानी माना जाता है क्योंकि इसमें अनगिनत औषधीय गुण होते हैं। पारंपरिक रूप से डेंगू बुखार से बचाव के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता रहा है।
मच्छरों के काटने से कई बीमारियां होती हैं लेकिन डेंगू बुखार उनमें एक जानलेवा स्थिति है।
डेंगू बुखार होने पर आपको तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
अगर आप डेंगू बुखार से पीड़ित है तो आप जल्द रिकवरी करने इन जड़ी बुटियों का मदद ले सकते है।