Raftaar Desk SYI-1
विवाह के बाद महिलाएं सिंदूर लगाती है। सिंदूर सुहागिनों महिलाओं का मुख्य श्रृंगार में शामिल होता है। लेकिन यह सिर्फ श्रृंगार की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
साथ ही इसे लगाने के कुछ नियम भी हैं। आइए जानते हैं सिंदूर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जिन्हें आपने शायद ही सुना होगा।
हिंदू धर्म में सिंदूर महिलाओं के बेहद पवित्र माना गया है। विवाहित महिलाओं के लिए क्योंकि सिंदूर सुहाग का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में शादी तभी संपन्न होती है जब दूल्हा, दुल्हन की मांग सिंदूर से भरता है।
माना जाता है कि सिंदूर लगाने से सुहाग हमेशा सलामत रहता है। शास्त्रों में सिंदूर लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं। चलिए जानते हैं वह नियम।
ऐसा कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को पूजा-पाठ के दौरान मांग में सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। हिंदू धर्म के अनुसार महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोकर सिंदूर जरूर लगाना चाहिए।
मान्यता के अनुसार मां पार्वती भगवान शिव के लिए सिंदूर लगाती थी। इसलिए मां को सिंदूर चढ़ाया जाता है। सिंदूर लगाने से पहले मां गौरी को सिंदूर जरूर चढ़ाए। मान्यताओं के अनुसार मां गौरा को चढ़ाया हुआ सिंदूर लगाने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रह्मरंद्र यानी मस्तिष्क का उपरी भाग बहुत ही संवेदनशील और कोमल होता है। यह वही स्थान हैं जहां महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर में मौजूद तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करती है। इससे बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाव होता है। सिंदूर में पारा धातु की अधिकता होती है जिससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। इससे महिलाओं की बढ़ती उम्र के संकेत नजर नहीं आते हैं।
शास्त्रों के अनुसार जो महिलाएं मांग में लंबा सिंदूर लगाती है उनके पति को खूब मान-सम्मान मिलता है। सुहागन महिलाओं को हमेशा नाक की सीध में सिंदूर लगाना चाहिए। माना जाता है कि टेढ़ा-मेढ़ा सिंदूर लगाने से पति का भाग्य खराब हो सकता है।
पति की लंबी की उम्र के लिए महिलाएं कई तरह के व्रत जैसे करवा चौथ, वट सावित्री पूजा और तीज करती हैं। ऐसे में इन व्रत के दौरान सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। यह व्रत सुहागिन महिलाएं के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं