Raftaar Desk SYI-1
सप्ताह के हर दिन सातों दिन अलग-अलग देवी-देवता को समर्पित हैं। इसी में शनिवार के दिन भगवान शनिदेव का पूजन किया जाता है। शनिदेव न्याय के देवता कहलाते हैं। वह लोगों को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अगर किसी व्यक्ति पर शनिदेव की बुरी नजर पड़ जाए तो उसे कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
शनिदेव की कृपा से व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की और सफलता हासिल करता है। साथ ही शनि पीड़ा से राहत मिलती है। इसके अलावा शनिदेव की कृपा से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल की पूजा करने, जल अर्पित करने हुए तेल का दीया जलाने से शनि देव की कृपा हमेशा मिलती है।
शनिवार के दिन कुत्ते की सेवा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसलिए शनिवार के दिन काले रंग को कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शनिदेव को लोबान अति प्रिय है और इसलिए शनिवार की रात को घर में लोबान जलाना चाहिए। ऐसा करने से धुएं के साथ घर में मौजूद सारी नकारात्मकता बाहर चली जाती है और घर के लोगों की सेहत भी बेहतर होती है
शनिवार की शाम को सूर्यास्त के बाद शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक में काले तिल के कुछ दाने अवश्य डालें। ऐसा करने से भगवान शनिदेव प्रसन्न होते हैं
शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने लिए शनिदेव के मंत्रों और चालीसा का पाठ करना चाहिए
शनिदेव की कृपा पाने और कुंडली से शनि दोष को खत्म करने के लिए हनुमान जी पूजा अवश्य करनी चाहिए। शनिवार के दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें