Abhay Tripathi
मित्रता का रिश्ता ऐसा रिश्ता है जो आप स्वयं बनाते हो। इसीलिए जब आप यह रिश्ता बनाएं तो चाणक्य की इन बातों का ध्यान रखें।
चाणक्य अनुसार आपका विश्वास ही आपकी ताकत होता है। इसीलिए किसी ऐसे मित्र पर विश्वास ना करें जब तक आप समझ ना लें।
यदि आपने सही व्यक्ति से मित्रता नहीं की हैं तो उनसे सतर्क रहें क्योंकि ऐसे लोग आपको कभी भी हानि पहुंचा सकते हैं।
ऐसे मित्रों से दूर रहना चाहिए जो आपकी प्रशंसा करें और पीठ पीछे आपके खिलाफ षड्यन्त्र रचे।
एक स्वार्थी व्यक्ति का स्वार्थ उससे कुछ भी कर सकता है इसीलिए आप ऐसे लोगों से मित्रता करने से बचें।
अगर आपका मित्र आपकी गलती करने पर आपको न टोके और आप को गलत काम करने दे, तो वह एक अच्छा मित्र नहीं हो सकता हैं।
वह मित्र जो स्थिति देखकर आपसे दोस्ती करें और पूरा समय आने पर आपका साथ छोड़ दे वो सच्चा मित्र नहीं बन सकता।
मित्रता की भी एक सीमा होती है अगर जो व्यक्ति सीमा का ध्यान नहीं रखना और उसके बाहर जाता है। उस व्यक्ति से भी आपको दूर रहना चाहिए।