Raftaar Desk RPI
गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए। इससे उन्हें पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर नेगेटिव असर पड़ता है।
पितृपक्ष के दौरान कुत्ता, गाय, कौवे आदि जीव जंतुओं को भोजन खिलाना शुभ होता है ऐसा माना जाता है कि पितरों व देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
ऐसे में पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुत्ता, गाय और कौवे आदि को मारने से बचना चाहिए। नहीं तो बुरे परिणाम झेलना पड़ सकता है ऐसे में इस दौरान अगर घर पर इनमें से कोई पशु आए तो उसे रोटी जरूर खिलाएं।
पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट जाने की गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए कहा जाता है कि इस समय पूर्वज के साथ कई बुरी शक्तियां भी धरती पर आती हैं।
ऐसे में उनकी छाया मां के गर्भ पर पलने वाले बच्चे पर गहरा और बुरा असर हो सकता है। अगर परिवार का कोई करीबी भी मर गया हो तो श्मशान घाट जाने से बचें।
वैसे तो हर किसी को अपने पूर्वजों को आदर सम्मान देना चाहिए। मगर श्राद्ध के दिनों में खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को पितरों का अपमान करने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मण और गरीबों का अपमान करने से बचना चाहिए। इससे पितरों और ब्राह्मण का श्राप मिलता है। जिससे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पितृ पक्ष से जुड़े बहुत सारे नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना हर किसी के लिए जरूरी होता है। मगर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ अलग और खास नियम बनाए गए हैं। उन्हे पितृ पक्ष में इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।