Raftaar Desk - T2
मंगल पांडे एक भारतीय सैनिक थे जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के प्रकोप से पहले हो रही घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के 34वें बंगाल नेटिव इंफेंट्री (बीएनआई) पल्टू सिपाही थे।
मंगल पांडे उपर बलिया जिले के एक गांव, नगवा, में पैदा हुए थे, जो की सीडेड और कॉंक्वर्ड प्रोविंसेस (अब उत्तर प्रदेश में) में आता था, एक हिन्दू ब्राह्मण परिवार में। मंगल पांडे ने 1849 में बंगाल सेना में शामिल हो गए थे।
मंगल पांडेय ने चर्बी वाले कारतूस न इस्तमाल करने के लिए विद्रोह किया था। कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी का इस्तमाल किया गया था जो धार्मिक भावनाओं के विरुद था
मेरठ में एनफील्ड कारतूस के उपयोग के प्रति प्रतिरोध के कारण मई 1857 में वहाँ एक बगावत की प्रारंभ हुई और बड़े प्रकार के विद्रोह की शुरुआत हुई।
मंगल पांडेय को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से विद्रोह करने के लिए दोषी करार दिया गया और उन्हें सजा ऐ मौत दी गयी
March 29, 1857 में मंगल पांडेय को बर्रैकपोरे में मौत की सजा दी गयी। मंगल पांडेय को भारतीय स्वंत्रता संग्राम के सबसे बड़े नायक मने जाते हैं। शहीद को शत शत नमन