Raftaar Desk - P1
यूपी के महोबा में कबरई के सिचौरा गांव में दुर्लभ कल्पवृक्ष संकट में है। जुड़वा कल्पवृक्ष का एक हिस्सा बुधवार को टूटकर गिर गया। महावृक्ष अब अकेला रह गया है।
1500 साल पुराने इस कल्पवृक्ष की आयु का मूल्यांकन राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान की टीम ने किया था। राष्ट्रीय वनस्पति टीम ने इसे फंगस से बचाने की हिदायत भी दी थी।
प्रदेश सरकार ने 100 साल से अधिक उम्र वाले वृक्षों को धरोहर घोषित कर इनके संरक्षण का आदेश दिया था। इसके बाद सिचौरा के इस प्राचीन कल्पवृक्ष के संरक्षण की उम्मीद भी बढ़ी थी।
प्रशासन सक्रिय हुआ तो कल्पवृक्ष के आसपास साज-सज्जा का कुछ काम हुआ। इंटरलॉकिंग के पाथ पास में स्थित तालाब का सुंदरीकरण कराया गया। इससे यहां आने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होने लगा।
तीन साल पहले उम्र का आकलन सिचौरा का कल्पवृक्ष देश के प्राचीनतम वृक्षों में शुमार है। इस दुर्लभ वृक्ष की जांच के लिए तीन साल पूर्व राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान की टीम गांव पहुंची थी। वैज्ञानिक का कहना है कि जांच में वृक्ष की परिधि 13 मीटर मिली जिससे पेड़ की उम्र 1500 साल होने का अनुमान लगाया गया।
दो साल पूर्व लगा था फंगस लगभग दो साल पहले कल्पवृक्ष में फंगस लगने से एक हिस्सा कमजोर हुआ। वैज्ञानिकों ने इस सिचौरा स्थित महावृक्ष की उम्र का आकलन पहले ही किया था।