Lord Shiva: जानिए क्यों शिव को कहा जाता है आदिगुरु , क्या है इसके पीछे की कहानी

Raftaar Desk - J1

सनातन धर्म में भगवान शिव को सृष्टि के संघारक के रूप में पूजा जाता है। शास्त्र एवं वेदों में यह वर्णित है कि भगवान शिव की उपासना करने से साधकों के सभी दुख और पीड़ाएं दूर हो जाती हैं

Lord Shiva | Social

वेद एवं ग्रंथों में भगवान शिव को आदिगुरु कहा गया है। अब प्रश्न यह उठता है कि, भगवान शिव को 'गुरु' या 'आदिगुरु' क्यों कहा जाता है?

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संस्कृत भाषा में गुरु शब्द का अर्थ है शिक्षक या ज्ञान दाता। जो मनुष्य को अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाते हैं, उन्हें गुरु कहा जाता है

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गुरु की देखरेख में एक शिष्य कई प्रकार के गुण सीखता है। साथ ही वह जीवन में उपयोग लाई जाने वाली विभिन्न नीति, अनुशासन व नियमों को गुरु से ही प्राप्त करता है

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देवाधिदेव महादेव मनुष्य को उनकी कर्मों के बंधन से मुक्त करते हैं। बता दें कि प्रमुख वेदों में भगवान शिव के विभिन्न नामों का वर्णन किया गया है

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 अथर्ववेद में भगवान शिव को महादेव, शिव, शम्भू कहा गया है। यजुर्वेद में भोलेनाथ को रौद्र और कल्याणकारी कहा गया है

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उपनिषद में शिव जी को गुरु और जगतगुरु के नाम से वर्णित किया गया है। वहीं ऋग्वेद में देवाधिदेव को रुद्र के नाम से संबोधित किया गया है

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बता दें कि शास्त्रों में सप्त ऋषियों के विषय में विस्तार से बताया गया है। इसके साथ यह भी बताया गया है कि सप्त ऋषियों का जन्म ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से हुआ था

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