Raftaar Desk - K1
पुरी जगन्नाथ धाम में भाई-बहन के साथ मौसी के घर पहुंचे प्रभु जगन्नाथ की वापसी यात्रा शुरू हो गई है।
रथ के सामने तमाम कलाकारों ने मिलकर नृत्य संगीत से माहौल को पूरी तरह से भक्तिपूर्ण बना दिया है।
भगवान जगन्नाथ का नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव रंगारंग ढंग से शुरू हुआ, जिसमें देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से 10 लाख से अधिक श्रद्धालु देवताओं के रथ खींचने के लिए तीर्थ नगरी पुरी में एकत्र हुए।
'जय जगन्नाथ' के नारों और झांझ-मंजीरों की थाप के बीच, भगवान जगन्नाथ की 'बाहुड़ा यात्रा' या वापसी कार उत्सव 28 जून को तीर्थनगरी में शुरू हुआ।
श्रीमंदिर में उनके निवास स्थान के लिए भगवान की वापसी यात्रा या बाहुदा यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था।
घंटियाँ, झांझ और मृदंगम जैसे अनेक संगीत वाद्ययंत्रों के बजने से माहौल आध्यात्मिक रूप से और भी बढ़ गया।
उत्सव के सुचारू संचालन के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स सहित सुरक्षा बलों की 180 प्लाटून तैनात की गई हैं।
अपनी मौसी के घर पर नौ दिन बिताने के बाद, देवता श्रीमंदिर लौट आते हैं। वापसी यात्रा को बाहुड़ा यात्रा के नाम से जाना जाता है।