Raftaar Desk VGI-1
खजुराहो भारत का मशहूर पर्यटन स्थल है, यह मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्राचीन मंदिर है, दुनियाभर के पर्यटकों के बीच यह मंदिर कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है
कहते हैं चंदेल राजाओं ने मंदिर में यह मूर्तियां बनाई थी, लेकिन क्यों यह रहस्य अब तक बना हुआ है। आखिर ऐसी क्या वजह थी कि मंदिर की दीवारों पर रति क्रीडा, नृत्य मुद्राएं, अध्यात्म और प्रेम रस की प्रतिमाएं बनाई गईं
विश्व धरोहर में शामिल है मंदिर
इस मंदिर की भव्यता, सुंदरता और प्राचीनता के कारण इसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। हालांकि कामकला के आसनों में दर्शाए गए स्त्री पुरुषों के चेहरे पर अश्लीलता का भाव तक नहीं दिखता। ये मंदिर और इनका मूर्तिशिल्प स्थापित्य और कला की अमूल्य धरोहर है
मंदिर में क्यों बनाई गई मैथुनी मूर्तियां
मंदिर जैसी जगह पर इन मूर्तियों के बनाने का मकसद क्या था। मूर्तियां बनाते वक्त धर्मगुरुओं ने इसका विराध क्यों नहीं किया। क्या इस मंदिर का कामसूत्र से कोई संबंध है। खजुराहो में कामुक मूर्तियां लगाने का भी एक राज है, जो हम आपको आगे बताएंगे
मंदिर में कामुक मूर्तियों का राज
22 मंदिरों में से एक कंदारिया महादेव का मंदिर काम शिक्षा के लिए काफी मशहूर है। बाहर दीवारों पर नर-किन्नर, देवी-देवता और प्रेमी-युगल आदि के सुंदर चित्र उकेरे गए हैं। बीच की दीवारों पर आपको कुछ अनोखे मैथुन दृश्य देखने को मिलेंगे
हर मूर्ति का अपना महत्व
यहां एक दीवार पर ऊपर से नीचे की ओर बनी 3 मूर्तियां कामसूत्र में वर्णित एक सिद्धांत की अनुकृति है। मैथुन क्रिया की शुरुआत में आलिंगन और चुंभन के जरिए उत्तेजना बढ़ाने का महत्व दर्शाया गया है
यह मान्यता है इन मूर्तियों का राज
कहते हैं कि चंदेल राजाओं के समय इस क्षेत्र में तांत्रिक समुदाय की वाममार्गी शाखा का वर्चस्व था। ये लोग योग और भोग दोनों को मोक्ष का साधन मानते थे। ये मूर्तियां उनके क्रियाकलापों की ही देन हैं। शास्त्र कहते हैं कि संभोग भी मोक्ष प्राप्त करने का एक साधन हो सकता है