Raftaar Desk - J1
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत सोमवार सुबह 11:25 पर हो गई है और इस तिथि का समापन 20 जून को दोपहर 01:07 पर होगा।
हर साल ओडिशा स्थित पूरी नगरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस दिन तीन विशालकाय और भव्य रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा विराजमान होते हैं।
रथ यात्रा में रथों को दारु कहे जाने वाले नीम की पवित्र लड़कियों से बनाया जाता है और इसमें किसी भी प्रकार के कील या कांटों का उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे रथ की पवित्रता बनी रहती है।
भगवान बलराम के रथ का रंग लाल होता है। देवी सुभद्रा काली या लाल रंग के रथ पर विराजमान होती हैं और अंतिम में जगन्नाथ भगवान लाल या पीले रंग के रथ पर आसीन रहते हैं।
भगवान जगन्नाथ की रथ की ऊंचाई 44.2 फीट है, बड़े भाई बलभद्र जी के रथ की ऊंचाई 43.2 फीट होती है और सबसे छोटा रथ, छोटी बहन देवी सुभद्रा जी का है, जिसकी ऊंचाई 42.3 फीट है।
शास्त्रों में बताया गया है कि किसी भी आध्यात्मिक कार्य के लिए कील या कांटे का इस्तेमाल अशुभ होता है।