Raftaar Desk RPI
एडिक्शन
अगर बच्चे को खाना खिलाते समय मोबाइल दिखाया गया है और रोजाना इसी प्रक्रिया को जारी रखा गया है,तो इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। रोजाना मोबाइल देखने के कारण बच्चे को इसका एडिक्शन हो सकता है।
आंखो पर असर
हद से ज्यादा स्क्रीनिंग से आंखें कमजोर पड़ने लगती है,बच्चों की आंखें वीक होती हैं और उन पर इस तरह का दबाव आगे चलकर चश्मा लगने का कारण भी बन सकता है।
ज्यादा खाना
पेरेंट्स बच्चे को फोन देकर चीजें खिलाते हैं, ताकि उसका पेट भरा रहे, फोन के लालच में बच्चा लगातार खाता रहता है। हद से ज्यादा खाने से उसके पेट को नुकसान पहुंच सकता है।
मेटाबॉलिज्म
फोन देखते-देखते खाना खाने वाले अधिकतर बच्चे चीजों को सीधे निगलते हैं,ऐसा करने से बच्चे का मेटाबॉलिज्म कमजोर पड़ सकता है।
बातचीत न होना
डिनर का टाइम एक तरह से फैमिली टाइम होता था। इस दौरान सभी फैमिली मेंबर्स मिलकर ढेरों बातचीत करते थे ,लेकिन अब सब अपने अपने मोबाइल में लगे रहते है। अगर यहीं आदत बच्चों में भी है तो ये एक गंभीर समस्या बन सकती है।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि बच्चे खाना नहीं खाते तो माता पिता उन्हे मोबाइल फोन दिखाकर खाना खिलाते हैं।
लेकिन क्या आप को पता है इससे बच्चों के स्वास्थय के मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।
अगर आप के भी बच्चों के भी मोबाइळ देख कर खाना खाने की आदत है तो इसे बदलने की केशिश करे नहीं तो आगे जा कर परेशानी बढ़ सकती है।