Raftaar Desk AH1
अहोई अष्टमी का व्रत तारों को देखकर ही तोड़ा जाता है। इससे पहले व्रत को तोड़ने की गलती ना करें।
आप इस व्रत को तारे देखने पहले कुछ ना खाएं।
अहोई अष्टमी के व्रत के दिन अहोई माता की पूजा की जाती है लेकिन पूजा की शुरुआत श्री गणेश भगवान की पूजा के साथ करें।
अहोई अष्टमी के व्रत के दिन विशेष विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है। लेकिन अहोई अष्टमी की पूजा शुभ मुहूर्त पर ही करना शुभ होता है।
किसी भी व्रत की तरह अहोई अष्टमी के व्रत के दिन भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन अहोई माता की पूजा करने से संतान दीर्घायु होती है। लेकिन व्रत रखने के दौरान कुछ जरूरी बातें जान लेना जरूरी है
सनातन धर्म में अहोई अष्टमी एक बड़ा त्योहार माना गया है । यह त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है।
इस वर्ष अहोई अष्टमी 5 नवंबर के दिन मनाई जाएगी। अगर आप व्रत रखने जा रही हैं तो कुछ नियम भी बताए गए हैं जिन्हें पालन करना बहुत जरूरी है।