Raftaar Desk RPI
अगर आपकी बेटी के मन में पीरियड्स और अपने शरीर को लेकर काफी सवाल हैं। तो आप उसके सवालों को नजअंदाज ना करें।
ऐसे में आपको गुस्सा होने की वजह समझदारी से उसके साथ बैठकर उसकी समस्याओं को सुने। बेटी जो पूछ रही है उसका जवाब उसके भाषा में देने की कोशिश करें।
जैसे-जैसे लड़कियां बड़ी होती हैं तो उनके शरीर में कई तरह के परिवर्तन आते हैं। 10 साल की उम्र पर आते ही आप अपनी बेटी को उसके शरीर में होने वाले शारीरिक विकास के बारे में समझाएं।
शरीर में होने वाले परिवर्तनों जैसे ब्रेस्ट साइज का बढ़ना या गुप्त अंगों पर बाल आना आदि के बारे में यदि बच्चों को पहले से पता होगा।तो वह उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाएंगी।
मां का फर्ज होता है कि वह अपनी बेटी को पीरियड्स के साथ-साथ इन चीजों की भी जानकारी दें और बताएं घबराने की कोई जरूरत नहीं यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
पीरियड्स को लेकर समाज में कई मिथक होते हैं जैसे पीरियड्स के दौरान आपको अशुद्ध और गंदा माना जाता है लेकिन यह सही नहीं है।
आप अपनी बेटी को बताएं कि यह शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। इसमें कुछ भी गंदा नहीं है। इस दौरान साफ-सफाई का बस विशेष ध्यान रखना होता है। पीरियड के दौरान पेट दर्द ,थकान आदि चीज सामान्य हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
सबसे अहम और जरूरी बात है कि आप अपनी बेटी को उसके पहले पीरियड के लिए सेनेटरी नैपकिन की पूरी जानकारी जरूर दें यानि सैनेटरी नैपकिन के चुनाव से लेकर उसके इस्तेमाल तक सभी जानकारी दें। आजकल बाजार में कई वैरायटी के सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध है। लेकिन आप उसे बेस्ट सैनिटरी के बारे में बताएं। सेनेटरी पैड का साइज बता सकते हैं।
कॉटन लेयर और स्लिम सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करें । इसके अलावा आप अपनी बेटी को बताएं कि पीरियड के दौरान 6 घंटे के अंदर सैनिटरी पैड जरूर बदलें। और उसको यह भी बताएं कि महीने में कितनी बार पीरियड आते हैं और पीरियड अगर लेट हो गए तो इससे क्या होगा। कैसे मैनेज करना है।
बेटियां कब बड़ी हो जाती हैं। उन्हे खुद और मां को पता ही नहीं चलता। आप अपनी बेटी को पीरियड के दौरान ही सेक्स से जुड़ी जानकारी दे सकती है।
उनको सेक्स करने की सही उम्र से अवगत कराएं। साथ ही पीरियड के दौरान सेक्स करना सही है या गलत इसकी भी जानकारी दें। अकेले ये सब चीजें कैसे मैनेज करें ये सब उसको बताएं। तभी तो कहते है एक मां अपने बच्चों की पहली टीचर होती है।