Raftaar Desk AH1
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ध्यान रखें कि घर के मेन गेट के दोनों ओर चूना और हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं
मां भगवती की पूजा-अर्चना करने से पहले पूजा-स्थल को साफ-सुथरा रखें और गंगाजल से छिड़काव करें।
माता की प्रतिमा और कलश स्थापना के लिए चंदन की चौकी का इस्तेमाल करना बहुत उत्तम माना गया है।
माता की पूजा करने से पहले घी का दीपक अवश्य जलाएं, उसके बाद ही पूजा-अर्चना का कार्यक्रम शुरू करें। अगर आप अखंड दीपक जला रहे हैं तो उसमें भी घी का प्रयोग कर सकते हैं।
नवरात्रि में माता रानी के पूजा स्थल को सजाने के लिए लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए।
वास्तु में लाल रंग को सत्ता व शक्ति का प्रतीक बताया गया है। माता रानी की पूजा में काले रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
नवरात्रि के नौ दिन अगर वास्तु को ध्यान में रखते हुए पूजा और उसी तरह पूजा घर तैयार किया जाए तो पुण्य में जल्दी वृद्धि होती है।
वास्तु के इन नियमों का पालन करने से घर का वास्तु दोष भी दूर हो जाता है और नकारात्मक शक्तियां भी दूर हो जाती हैं।