Raftaar Desk ASI-1
बेटियां सभी की लाडली होती हैं. लेकिन उनके जन्म के साथ ही पिता के कंधों पर कई बड़ी जिम्मेदारियां भी आ जाती हैं.
ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि आप उसके जन्म के साथ ही उनके लिए Investment Planning भी शुरू कर दें.
इस मामले में फाइनेंशियल एडवाइजर दीप्ति भार्गव कहती हैं कि सबसे पहले तो आपको अपनी कमाई का 20 फीसदी बचाने की आदत डालनी चाहिए और इस 20 प्रतिशत रकम को आप कहीं पर लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना शुरू करें.
आज के समय में कई तरह की स्कीम्स हैं. लेकिन आप हर महीने जो भी इनवेस्टमेंट कर रहे हैं, वो अलग-अलग स्कीम्स में करें. जैसे कुछ पैसा आप पीपीएफ में लगा सकते हैं, कुछ रकम सुकन्या समृद्धि में हर महीने जमा करें और बचत का कुछ हिस्सा म्यूचुअल फंड में लगाएं.
पीपीएफ और सुकन्या स्कीम्स सरकारी योजनाएं हैं और गारंटीड रिटर्न देने वाली हैं.
वहीं एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है, जो मार्केट से लिंक्ड है. इसमें रिटर्न की गारंटी तो नहीं है, लेकिन लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टमेंट में औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिलते देखा गया है, जो इन सरकारी स्कीम्स से कहीं ज्यादा है.
ऐसे में आप अपनी निवेश की राशि को 2, 3, 4 हिस्सों में विभाजित करके अलग-अलग स्कीम में निवेश करें.
मान लीजिए कि आप 1 लाख रुपए महीने कमाते हैं तो आपको हर महीने 20,000 रुपए बचाकर इनवेस्ट करने चाहिए.