Raftaar Desk - P1
आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय आज ( शनिवार) से प्रभावी हो गया है। दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों ने इस मर्जर पर अपनी स्वीकृति शुक्रवार को दी थी।
इस विलय के बाद एचडीएफसी का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इसी के साथ एचडीएफसी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
विलय के बाद एचडीएफसी बैंक अब बाजार मूल्य के हिसाब से जेपी मार्गन, आईसीबीसी और बैंक ऑफ अमेरिका के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। यह मर्जर देश के कॉरपोरेट जगत का सबसे बड़ा सौदा है।
इसका आकार लगभग 40 अरब डॉलर का है। इसकी कुल संपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इस विलय के बाद बैंक की सभी ब्रांच में एचडीएफसी लिमिटेड की सेवा मिलेगी।
अब एचडीएफसी बैंक की ब्रांच में लोन, बैंकिंग समेत अन्य सभी सर्विसेज मुहैया होगी। विलय लागू होने के साथ ही एचडीएफसी बैंक की ग्राहक संख्या 12 करोड़ हो गई है, जो जर्मनी की जनसंख्या से अधिक है।
मर्जर से बैंक का ब्रांच नेटवर्क 8,300 से अधिक तक बढ़ गया। इसके साथ ही कुल बैंक के कर्मचारियों की संख्या 1,77,000 से अधिक हो जाएगी।
विलय के बाद एचडीएफसी के शेयर की डी-लिस्टिंग 13 जुलाई से प्रभावी हो जाएगी। संयुक्त कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे। इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।
मार्केट कैप के लिहाज से यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।
एचडीएफसी देश की पहली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी थी। इसकी स्थापना 44 साल पहले हसमुखभाई पारेख ने की थी।