Raftaar Desk - J1
हनुमान जी इस कलयुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात देव हैं और कलयुग में हनुमान जी की भक्ति लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम हैं
यही कारण है कि देशभर में हनुमान जी के ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां उनके अद्भुत रूपों के दर्शन होते हैं
क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां की प्रतिमा एक दिन में ही तीन बार अपना रूप बदलती हो
आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ही प्राचीन और अद्भुत हनुमान मंदिर के बारे में जहां की प्रतिमा खुद ब खुद रूप बदलती है और वह 24 घंटे में तीन बार
मध्यप्रदेश के मंडला जिले से 3 किलोमीटर दूर पुरवा गांव के पास स्थित एक जगह है सूरजकुंड. यहां नर्मदा नदी के तट पर मौजूद है हनुमान जी का ये अद्भुत और बेहद प्राचीन मंदिर
इस हनुमान मंदिर के पुजारी की मानें तो सुबह 4 बजे से 10 बजे तक मंदिर में स्थापित प्रतिमा बाल स्वरूप में होती है, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक युवा स्वरूप में और शाम 6 बजे से पूरी रात वृद्ध स्वरूप में रहते हैं
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, नर्मदा नदी के तट पर यहां भगवान सूर्य तपस्या करते थे। भगवान सूर्य की तपस्या में विघ्न न पड़े इसलिए उनके शिष्य हनुमान जी यहां पर पहरा दिया करते थे
जैसे ही भगवान सूर्य की तपस्या पूरी हुई तो सूर्य अपने लोक की ओर जाने लगे, जिसके बाद हनुमान जी को भगवान सूर्य ने यहीं रुकने के लिए कह दिया। इसके बाद हनुमान जी यहीं मूर्ति के रूप में रुक गए