Raftaar Desk - T2
अगर भगवान गणेश जी के शरीर की बनावट पर अगर गौर किया जाए तो उनका हर अंग एक संदेश देता है।
गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल देश के तमाम हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 18 सितंबर से शुरू है। और यह त्योहार 10 दिनों तक मनाया जाएगा।
इसके बाद 28 सितंबर को गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाएगा। गणेश जी की पूजा तो हम सभी करते हैं।
अगर देखा जाए तो गणेश जी के शरीर की बनावट सभी देवी देवताओं से भिन्न है। लेकिन इसके पीछे कई वजहें हैं। क्या आप जानते हैं उनके शरीर के किसी न किसी एक अंग का एक अलग ही महत्व है।
भगवान गणेश का सिर
भगवान गणेश का सिर काफी बड़ा है जो यह सिखाता है कि व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए।
भगवान गणेश की आंखें
भगवान गणेश की आंखें काफी छोटी है। जो गंभीर होने के साथ चिंतन करने का प्रतीक है। गणपति की आंखों से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में चिंता की बजाय चिंतन करना चाहिए।
भगवान गणेश के कान
गणपति के कानों से यह सीख मिलती है। जो भी ज्ञान की बात कहे उसे ध्यान से सुने, चिंतन करें और उसे समझकर ही फैसला करें।
गणपति जी का पेट
गणपति जी का पेट बहुत बड़ा होता है। हमें इससे ये सीख मिलती है कि जीवन में काफी कुछ सीखने, देखने और सुनने को मिलेगा l। जो सही है उसे अपने पेट में पचा लो।
गणपति की सवारी मूषक
गणपति की सवारी मूषक है, यह इस बात का संकेत है कि हर व्यक्ति को हर किसी को सम्मान की नजर से देखना चाहिए। फिर चाहे वो छोटा हो बड़ा हो , अमीर हो गरीब हो , विकलांग हो ।