Raftaar Desk RPI
आज 2 अक्टूबर को पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनायी जा रही है।
गांधी जी का जन्म आज ही के दिन 1869 में गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर हुआ था।
गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का पुतलीबाई था। इनके पिता पेशे से एक दीवान थे और माता एक गृहणी थी।
गांधी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट के एक स्थानीय स्कूल से पूरी की थी इसके इन्होने अपनी आगे की पढ़ाई भावनगर के सामलदास कॉलेज से की थी।
इसके बाद गांधी जी अपने करीबी दोस्त मावाजी दवे जोशी के साथ 1888 में लॉ की डिग्री हासिल करने के लिए लंदन चले गये।
गांधी जी लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद 1893 में साउथ अफ्रिका चले गये जहां उन्हें सांवले रंग के कारण गोरों द्वारा नीचा दिखाया गया। बापू ने वहां देखा की ये भेदभाव केवल इनके साथ नहीं बल्कि हर भारतीय और अफ्रिकन के साथ हो रहा है।
इसको देखते हुए गांधी जी ने 20 साल तक लगातार इस भेदभाव को खत्म करने के लिए अहिसंक लड़ाई लड़ी थी।
1915 में गांधी जी साउथ अफ्रिका से भारत वापस लौट आये । यहां आकर बापू ने गोपाल कृष्ण गोखले को राजनीति में अपना गुरू बनाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गये ।
बापू ने देश की आजादी में अपना पहला योगदान 1918 में चंपारण आन्दोलन का नेतृत्व कर दिया।
आजादी के लिए बापू ने बहुत सारे अहिसंक आन्दोलन चलाये थे, जिसमें से असहयोग आन्दोलन,स्वराज,सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रमुख है।
बापू द्बारा आजादी के लिए किये गये महत्वपूर्ण कार्यों से प्रभावित होकर सुभाष चंद्र बोस ने इन्हें राष्ट्रपिता कहा था।
30 जनवरी 1948 को एक सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी।