Anzar Hashmi
स्त्री की वाणी बहुत ही मधुर होनी चाहिए। स्त्री को कड़वे सच नहीं बोलनी चाहिए। जिस स्त्री की बॉडी मधुर वा प्यारी होती है। और किसी प्रकार से अपने मुंह से अपशब्द नहीं निकलती है। वह स्त्री निश्चित तौर पर बहुत ही अच्छे संस्कार वाली होती है।
स्त्रियों में पुरुष की तुलना में 6 गुना साहस होता है। स्त्रियां समय आने पर हर स्थिति से निपटने में महारत हासिल होती है।
पत्नी सहनशील होनी चाहिए। ताकि मुश्किल घड़ी में घर को धैर्य के साथ जोड़कर रख सके ।
स्त्री का संतुष्ट होना किसी भी मामले में बहुत मायने रखता है। संतुष्ट स्त्री हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेती है।
साथ ही अपने मान मर्यादाओं का भी ख्याल रखती है। वह कभी किसी से शिकायत नहीं करती। सिर्फ परिवार को ही अपनी प्राथमिकता देती है।
जिस स्त्री के पास दया और विनम्रता होती है। वह सदैव सम्मान प्राप्त करती है । जो स्त्री अपने क्रोध पर काबू नहीं कर पाती वह अपना तो नुकसान करती है। इतना ही नहीं पूरे परिवार को ले डूबती है।
कहते है पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे पर चलता है। पति के सफल जीवन में पत्नी की बहुत बड़ी भूमिका होती है। एक स्त्री के कुछ गुण घर को सुखी और समृद्ध बनाते हैं।
माना जाता है कि एक महिला में वह ताकत होती है। जो परिवार को बना भी सकती है और परिवार को बिखरा भी सकती है।
वहीं अगर एक स्त्री के अंदर यह पांच गुण होते हैं तो या उसके चरित्र और स्वभाव का चित्रण करते हैं। हर कोई इस तरह की स्त्री को पाना पसंद करता है ।