Anzar Hashmi
अमेरिका, चीन जैसे देश भले ही कितने ताकतवर माने जाते हों, लेकिन खुशहाली के मामले में वो काफी पीछे हैं।
फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड को सबसे खुशहाल देश बताया है। खास बात ये है कि फिनलैंड को लगातार सातवें साल ये मुकाम हासिल हुआ है।
नॉर्डिक देशों ने 10 सबसे खुशहाल देशों में अपना स्थान बनाया है। इस रैंक में भारत बहुत पीछे है, भारत हैपीनेस इंडेक्स में 124वें स्थान पर है।
2020 में तालिबान के नियंत्रण में आने के साथ ही मानवीय तबाही से त्रस्त अफगानिस्तान वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल 143 देशों में सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया।
सर्वे में अमेरिका को 23 वां स्थान दिया है। जबकि 24वें स्थान पर जर्मनी मौजूद है। वहीं कोस्टा रिका और कुवैत 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल है। कोस्टा रिका 12वें स्थान पर है और कुवैत 13वें स्थान के साथ टॉप 20 देशों में है।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया का कोई भी सबसे बड़ा देश मौजूद नहीं है। टॉप 10 देशों में सिर्फ नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या 15 मिलियन से अधिक बताया गया है।
टॉप 20 देशों में कनाडा और यूके की जनसंख्या 30 मिलियन से अधिक है। खुशहाली देशों में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में हुई है। वहीं पूर्वी यूरोपीय देशों सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
हैप्पीनेस रैंकिंग लोगों के जीवन संतुष्टि के उनके मूल्यांकन के अलावा प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार पर आधारित है।
उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2006-10 के बाद से 30 साल से कम उम्र के लोगों के बीच खुशी में गिरावट हुई है। वहीं पुरानी पीढ़ी अब युवाओं की तुलना में ज्यादा है।