Raftaar Desk RPI
फीमेल कंडोम से महिलाओं को अनचाहे गर्भधारण और यौन संचारित रोगों से बचने में मदद मिलती है।यह एक छोटा पाउच होता है, जिसे योनि के भीतर लगाया जाता है। ये एक बैरियर की तरह काम करता है।
इसके दोनों सिरों पर रिंग लगे होते हैं। जो योनि में अपनी पकड़ मजबूत करता है, फीमेल कंडोम को लेकर महिलाएं कुछ जरूरी बातें नहीं जानती।
कंडोम के प्रत्येक सिरे पर एक नरम रिंग होती हैं। यह रिंग योनि के अंदर के भाग को ढक कर रखती है ताकि स्पर्म बाहर ही रहे ।
कई महिलाओं में इस बात को लेकर घबराहट देखी जाती है कि कहीं कंडोम का इस्तेमाल उनके नेचुरल हारमोंस को प्रभावित न करें।
आपको बता दें फीमेल कंडोम का नेचुरल हारमोंस पर कोई प्रभाव नहीं होता है और ना ही इसे किसी तरह का नुकसान होता है।
यदि सेक्स के दौरान कंडोम टूट जाए ,लीक हो जाए , बाहर आ जाए तो 5 दिनों तक इमरजेंसी कंट्रासेप्सन पिल्स लें।
फीमेल कंडोम निट्रील यानी एक कृत्रिम रबड़ है, जो बीमारियों से रक्षा करती है, यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्हें लेटेक्स से एलर्जी है।
आपको फीमेल कंडोम आसानी से यह स्थानीय मेडिकल स्टोर और परिवार नियोजन केंद्र मिल जाएगा। याद रहे कंडोम को हमेशा फ्रिज में यह ठंडा स्थान पर ही रखना चाहिए।
कुछ महिलाओं में फीमेल कंडोम के उपयोग के कारण योनि,वुलवा,पेनिस या गूदा में जलन हो सकती है । इससे संभोग का आनंद भी काम हो जाता है।
कंडोम का इस्तेमाल करते समय महिलाएं ये याद रखें कि उसमें किसी प्रकार का बॉडी लोशन ,मॉइश्चराइजर ,मसाज ऑयल ,बॉडी ऑयल या अन्य प्रकार के तेल और चिकनाहट जैसी चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें इससे इंफेक्शन होने का डर रहता है।
कंडोम को सेक्स करने के 8 घंटे पहले योनि में लगाया जा सकता है।फीमेल कंडोम को मासिक धर्म या गर्भावस्था के समय भी उपयोग में लाया जा सकता है।
कंडोम के प्रत्येक सिरे पर एक नरम रिंग होती हैं। यह रिंग इसलिए होती है जिससे कंडोम अपनी जगह पर बना रहे।