Raftaar Desk - P1
आंख की पुतली के सफेद हिस्से यानी कंजक्टिवा में सूजन को कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह अधिकतर किसी वायरल इन्फेक्शन के जरिए फैलता है
कंजक्टिवाइटिस बेहद संक्रामक है और बड़ी तेजी से इसका प्रसार होता है
स्टूडेंट्स आई फ्लू के शिकार हो रहे हैं, खासतौर पर छोटे बच्चे। प्राइवेट स्कूलों की ओर से पैरंट्स के नाम सर्कुलर जारी किया जा रहा है कि आई फ्लू होने पर बच्चों को दो-तीन दिन स्कूल ना भेजें
कई स्कूलों का यह भी कहना है कि आई फ्लू के अलावा डायरिया, टाइफाइड के मामले भी काफी सामने आ रहे हैं
वहीं, दिल्ली गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स असोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर्स से सलाह लेकर कदम उठाए जाएं
कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम लक्षण आंखों का लाल होना है। इसके अलावा आंखों में खुजली, जलन और पानी बहने की समस्या भी आ सकती है
मरीज फोटो-सेंसिटिव हो सकते हैं यानी उन्हें तेज रोशनी से परेशानी हो सकती है। डॉक्टर्स मरीजों को काला चश्मा पहनने की सलाह देते हैं
गंभीर मामलों में हल्के स्टेरॉयड्स दिए जाते हैं। शुरुआत में इन्फेक्शन का इलाज शुरू हो जाए तो संक्रमण को आसानी से रोका जा सकता है
वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है, इसलिए हायजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। आंखों को कम से कम छुएं। दूसरों से संपर्क अवॉइड करें
अगर बच्चों को इन्फेक्शन हो तो 3-5 दिनों के लिए आइसोलेट कर दें
कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से बचें
रुमाल, तौलिया आदि को शेयर ना करें
कंजंक्टिवाइटिस पीड़ित मरीजों से दूरी बनाकर रखें
अगर आपके घर में कोई कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है, तो उनकी मदद के बाद तुरंत हाथ साफ करें
स्वीमिंग से बचें
धूल, केमिकल और तेज धूप से बचें
आंखों पर काला चश्मा लगाएं
भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें