Raftaar Desk AH1
करवाचौथ का व्रत पतियों से जुड़ा होता है। ऐसे में व्रत में महिलाएं 16 श्रृंगार तो करती है साथ ही वह कई रंग बिरंगी साड़ियां पहनना भी पसंद करती हैं।
इसके साथ ही इस दिन सफेद रंग की कोई चीज जैसे दूध, दही , चावल आदि वस्त्र का दान भी नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि करवाचौथ के दिन शादीशुदा महिलाओं को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। दरअसल यह रंग अशुभ और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है l
इसलिए हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या पूजा पाठ करते समय काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि मंगलसूत्र काजल का प्रयोग कर सकते हैं। ये नजर लगने से बचाता है।
करवाचौथ के दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। क्योंकि यह रंग सैडनेस से भरा रंग माना जाता है। मतलब इसे पहनने वाला व्यष्टि हमेशा दुखी रहता है।
आपको बता दे कि करवाचौथ के शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं लाल रंग के कपड़े पहन सकती है। क्योंकि लाल रंग सुहाग का प्रतीक माना गया है।
तो वहीं ऐसे में अगर सुहागिन स्त्रियां , महरून,हरे , पीला रंग की साड़ी पहनती है तो उनके लिए बहुत शुभ माना जाता है। वहीं इस रंग के कपड़ों में भगवान भी प्रसन्न होते है।
हिंदू धर्म में अलग-अलग त्योहार पर अलग-अलग कपड़े पहनने की प्रथा है। लेकिन करवाचौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को इस रंग के कपड़े तो कतई भी नहीं पहनना चाहिए।
करवाचौथ का त्योहार हमारे देश में सुहागिन स्त्रियां बड़ी ही धूमधाम से मनाती है। क्योंकि सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्यौहार अधिक खास और स्पेशल होता है।
करवाचौथ में कपड़े पहनने के दौरान बहुत सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे रंग होते है। ऐसे में महिलाएं जान ले कि उन्हें करवाचौथ में किस रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।