Amarnath Yatra 2023: अद्भुत है अमरनाथ यात्रा के ये 4 पड़ाव, जहां शिव के करीब होने का मिलता है अहसास

Raftaar Desk - P1

अमरनाथ धाम की यात्रा दो मार्गों से तय की जाती है, एक बालटाल और दूसरा पहलगाम। मान्‍यता है कि भगवान शिव ने गुफा तक पहुंचने के लिए पहलगाम का मार्ग चुना था।

Pahalgam | Social Media

भगवान शिव माता पार्वती को एकान्‍त गुफा की ओर ले जा रहे थे, तो सबसे पहले उन्‍होंने नंदी को त्‍यागा था। आज ये स्‍थान पहलगाम कहलाता है। अमरनाथ की यात्रा पहलगाम से शुरू है।

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पहलगाम से कुछ किलोमीटर आगे बढ़ने के बाद आपको दूसरा पड़ाव मिलता है, जिसे चंदन वाड़ी के नाम से जाना जाता है। मान्‍यता है कि ये वो स्‍थान है जहां भगवान शिव ने चंद्रमा को खुद के मस्तिष्‍क से अलग किया था।

Chandan Wadi | Social Media

इस स्थान का कण कण पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि अपने शरीर का भभूत और चंदन भी शिव जी ने इसी ​स्थान पर उतार दिया था। यहां की मिट्टी को लोग अपने मस्तक पर लगाते हैं।

Chandan Wadi | Social Media

जब आप कुछ और दूर चलते हैं तो अगला पड़ाव शेषनाग झील है। यहां महादेव ने अपने प्रिय सर्प वासुकि को गले से उतार दिया था। यहां एक झील है। माना जाता है कि उसमें शेष नाग का वास है।

Sheshnag lake | Social Media

इस झील को देखकर ऐसा लगता है कि मानो शेष नाग स्वयं फन फैलाकर यहां विराजमान हों, इस लिए इस स्‍थान को शेषनाग झील के नाम से जाना जाता है।

Sheshnag lake | Social Media

आगे बढ़ने के बाद चौथा पड़ाव महागुणस पर्वत है। इसे गणेश टॉप और महागणेश पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।

Mahagunas Parvat | Social Media

कहा जाता है कि इस स्‍थान पर प्रभु ने अपने प्रिय पुत्र गणेश को रुककर इंतजार करने को कहा था। इस स्‍थान पर बेहद खूबसूरत झरने और मनोरम दृश्‍य हैं।

Mahagunas Parvat | Social Media

इन सभी पड़ावों को पार करने के बाद आखिर में वो गुफा आती है, जहां शिव जी ने माता पार्वती को अमरत्‍व की कथा सुनाई थी। इस गुफा में हर साल 10 से 12 फीट ऊंची शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनती है।

Amarnath Den | Social Media

इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मान्‍यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से व्‍यक्ति के जीवन के अनेकों पाप दूर हो जाते हैं। उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।

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