Raftaar Desk - T2
आपको रोजाना सिक्स पैक एब्स वर्कआउट करना चाहिए या नहीं, इसका जवाब है- नहीं। आपको हर दिन एब्स वर्कआउट बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
सिर्फ एब्स वर्कआउट ही नहीं बल्कि इसके अलावा किसी भी मसल ग्रुप का वर्कआउट रोजाना नहीं करना चाहिए। आपको हर दिन किसी भी मांसपेशी समूह को प्रशिक्षित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अमेरिकी शोध से यह साबित हुआ है कि अगर आप रोजाना किसी भी मांसपेशी समूह का वर्कआउट करते हैं तो आपकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इसके पीछे कारण यह है कि रोजाना एक ही मांसपेशी की ट्रेनिंग करने से उस मांसपेशी को ठीक होने का समय नहीं मिल पाता है।
और कुछ समय बाद आपके मांसपेशी समूह पूरी तरह से थक जाते हैं और मांसपेशियों का विकास रुक जाता है।
एब्स वर्कआउट हर दिन नहीं किया जाना चाहिए और न ही किसी अन्य मांसपेशी समूह को हर दिन प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
आपको बता दें, खेल विज्ञान कहता है कि आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त आराम की सख्त जरूरत है। यदि आप आज किसी मांसपेशी को प्रशिक्षित करते हैं और अगली बार उसी मांसपेशी को प्रशिक्षित करते हैं, तो इन दोनों वर्कआउट के बीच 48 घंटे का अंतर होना चाहिए।
हर दिन एब्स वर्कआउट करने से आपके पेट की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। यह आपके मांसपेशी फाइबर की रिकवरी को रोकता है, जिससे मांसपेशियों का विकास रुक जाता है।
रोजाना सिक्स पैक एब्स वर्कआउट करने से कुछ दिनों तक आपको कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन लगातार ऐसा करने से कुछ समय बाद आपकी एब्स की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है, जिससे चोट लग सकती है।
इससे आपके कोर की ताकत कम हो जाती है। क्योंकि मांसपेशियों की रिकवरी ठीक से नहीं हो पाती है। रोजाना एब्स लगाने से कई मामलों में पेट दर्द, कमजोर पाचन आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। रोजाना एब्स वर्कआउट करने से आपके शरीर का समग्र प्रदर्शन भी कम हो सकता है और आप कमजोर हो सकते हैं।