Raftaar Desk AH1
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में भ्रूण स्थिर होता है । जिससे गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में बैठने, लगातार खड़े रहने और लंबी यात्रा करने से आपको बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी के शुरू में ही पौष्टिक खाने की ही आदत डालें। ज्यादा तला भुना होना और मसालेदार भोजन खाने से परहेज करना चाहिए। इससे आपका बीपी बढ़ सकता है।
बाजार की चीजों और फास्ट फूड खाने को इग्नोर करें। ऐसा करने से आप इंफेक्शन से दूर रहेंगे अगर कुछ खट्टा खाने का मन हो रहा हो तो घर पर ही कुछ बनाकर चटपटा खा लें।
हमने अक्सर देखा है, कई महिलाएं धूम्रपान का सेवन करती हैं, लेकिन अगर वह पहली बार मां बन रही है, तो उन्हें शराब सिगरेट आदि से दूर रहना ही बेहतर है।
आप किसी प्रकार का कोई तनाव न लें। छोटी-छोटी परेशानियों और बातों को इग्नोर करें। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो आगे परेशानी बढ़ती रहेगी।
प्रेगनेंसी के शुरू से लेकर अंत तक आप सी फूड अनानास, पपीता, सहजन की फलियां , कच्ची सब्जियां कच्चे अंडे , एलोवेरा वगैरा नहीं खाना चाहिए। इनमें मौजूद तत्व गर्भपात की वजह बन सकते हैं।
पहली बार मां बनने का सुख का अनुभव करने के लिए जरूरी है कि आप अपने प्रेगनेंसी के पहले दौर के तीन महीने कुछ बातों का विशेष ख्याल रखे हैं।
एक महिला जब पहली बार मां बनने बनती है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं होता। वो अपने पहले बच्चे के जन्म के दौरान हर वो खास जी लेना चाहती है।
इस नाजुक स्थिति पर एक छोटी सी चूक कहीं उसे भारी ना पड़ जाए इसलिए अगर आप पहली बार मां बन रही हैं तो तीन महीने में विशेष ध्यान रखना चाहिए।