ब्यूटी फैशन प्रॉब्लम्स (Beauty Fashion Problems)

कठिन परिस्थितियों में उम्मीदों की रोशनी जरूरी है

प्रेरणा अमरोहा के एक छोटे से अस्पताल में नर्स का काम करती थी। वह लोगों की सेवा खूब मन से किया करती थी। एक दिन अस्पताल में एक लड़का इलाज कराने के लिए आया। वह अपने माता-पिता का इकलौता लड़का था। डॉक्टर ने उसकी जांच की और उनसे जल्द से जल्द भर्ती होने के लिए कहा गया।

प्रेरणा को पता था कि डॉक्टर मरीज को ठीक करने के लिए अपनी जान लगा देते थे। इसी वजह से लोग उनकी बेहद इज्जत करते थे। उस वक्त उस लड़के की हालत गंभीर होती जा रही है।

चेकअप के बाद प्रेरणा को पता चला कि उसे कैंसर हैं और उसका शायद बचना बेहद मुश्किल है। डॉक्टर ने मुंबई से एक बड़े कैंसर सर्जन को उस लड़के का इलाज करने के लिए बुलाया। मुंबई से आए डॉक्टर को जब पता चला कि लड़के का सारा खर्च डॉक्टर साहब उठा रहे हैं, तो उनके मन में डॉक्टर साहब के लिए इज्जत और बढ़ गई।

वह हर हफ्ते उस लड़के का इलाज करने के लिए खुद अपने खर्चे से मुंबई से अमरोहा आते थे। धीरे-धीरे लड़के की हालत पहले से काफी बेहतर होने लगी।

एक दिन पीड़ित लड़के ने डॉक्टर से पूछ ही लिया कि "डॉक्टर अब मैं पहले जैसा तो हो जाऊंगा न". डॉक्टर ने हंसकर बोला बेटा पहले ये बताओ तुम्हे हुआ ही क्या था? तुम ठीक हो और अब घर जाने की तैयारी करो। प्रेरणा ने डॉक्टर से पूछा, क्या सच में वो ठीक हो गया है? और अब घर जाने वाला है? ऐसे में डॉक्टर बोले उसकी बिमारी का इलाज तो नहीं है, पर हम अच्छा सोचेंगे तभी तो अच्छा करेंगे।

हालांकि उस लड़के की तीन साल बाद मौत हो गई थी, लेकिन अगर डॉक्टर साहब और उनकी मेहनत नहीं होती तो उस लड़के की जिंदगी तीन साल पहले ही खत्म हो गयी होती।