छाती में कफ जमना क्या है –
सीने में कफ जमने को चेस्ट कंजेशन भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि सीने में बलगम या अन्य कोई तरल पदार्थ जमा होना। कुछ सामान्य स्थितियां भी होती हैं जिसमें छाती में कफ जमा हो जाता है, लेकिन ये आमतौर पर सर्दी जुकाम या फ्लू आदि के कारण होता है।
सर्दी जुकाम की वजह से छाती में बलगम अधिक मात्रा में जमा होता है। फेफड़ों में बलगम जमा होने से खांसी, घरघराहट और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
सीने में कफ जमने के लक्षण –
छाती में कफ जमा होने से गले में दर्द और भारीपन महसूस होने लगता है अगर आपके फेफड़ों में कफ जमा है तो नीचे कुछ लक्षण दिए गए हैं :
1. खांसने पर सिर में दर्द होना
2. घरघराहट होना
3. कुछ कुछ मिनट में तेज खांसी होना
4. अधिकतर सिरदर्द रहना
5. सांस फूलना
6. और अधिक कफ बनना
7. कफ की वजह से नींद न ले और थकान महसूस होना
8. बलगम के साथ-साथ खून भी आना
छाती में जमा कफ के कारण –
छाती में कफ जमा होने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
1. ब्रोंकाइटिस:
एक ऐसी समस्या है जो बैक्टीरिया या वायरल इन्फेक्शन से होती है, इसमें सांस की नली और फेफड़ों में सूजन, जलन आदि हो सकते हैं।
2. निमोनिया:
निमोनिया इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी है. निमोनिया में पीड़ित व्यक्ति के फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। निमोनिया होने पर व्यक्ति को बुखार, छाती में कफ जमा होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
3. टीबी:
यह एक प्रकार का फेफड़ों से जुड़ा संक्रमण है। टीबी होने पर व्यक्ति को गंभीर रूप से छाती में दर्द, सांस लेने दिक्कत और सीने में कफ जमा होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस रोग को बिना इलाज के जीवनभर के लिए नजरअंदाज न करें।
चेस्ट में जमा कफ के बचाव –
छाती में कफ से बचाव के लिए नीचे कुछ बचाव के तरीके बताये गए हैं:
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें, साथ ही पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूर रहें।
2. अगर आपको काफी समय से छाती में कफ जमा है तो डॉक्टर से अच्छे से जाँच करवाएं क्योंकि ये समस्या अन्य बीमारियों का रूप ले सकती हैं।
3. कफ जमने से रोकने के लिए धूम्रपान न करें और जो धूम्रपान करते हैं उनसे दूर रहें।
4. एलर्जी देने वाले या कफ को और बढ़ाने वाली चीजों का सेवन न करें।
5. प्रदूषित हवा से बचने के लिए मास्क लगाकर रखें।
सीने में जमा कफ का टेस्ट –
सीने में जमा कफ से जुड़े इस प्रकार हैं -
1. ब्लड टेस्ट, इससे सफ़ेद कोशिकाओं की मात्रा का पता लगाया जाता है।
2. छाती का एक्सरे
3. ट्यूबरकुलीन टेस्ट, इससे टीबी के होने का पता लगाया जाता है
4. ब्रोंकोस्कोपी टेस्ट, आदि।
छाती में जमा कफ का इलाज –
छाती में जमा कफ को निकालने के उपाय –
1. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें:
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर की अशुद्धियाँ निकल जाती हैं और ऐसे में छाती में जमा बलगम भी पानी की मदद से निकल जाता है।
2. भाप लें:
दिन में दो से तीन बार गर्म पानी में विक्स या तुलसी के पत्ते डालकर भाप लेने से छाती में जमा बलगम निकालने में मदद मिलती है।
3. सिर को ऊंचा करके सोएं:
जब भी आराम करने के लिए लेटें तो सिर के नीचे तकिया लगाकर सोएं, हमेशा शरीर से ऊपर सिर को रखें।
4. पुदीने का तेल:
पुदीने के तेल को आप गर्म पानी में डालकर उसकी भाप ले सकते हैं।
5. छाती की सिकाई:
आप गर्म बोतल या तवे को गर्म करके उसपर कपड़ा रखकर छाती पर कुछ मिनट तक रखकर सिकाई कर सकते हैं।
अन्य इलाज जैसे अदरक की चाय, नमक पानी से गरारे, ब्लैक कॉफी, डीकन्जेस्टेंट दवाएं, वेपर रब आदि।
नोट - इस लेख पर सभी जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। बीमारी की जाँच और इलाज के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लें।