डाइट एंड वेट लॉस टिप्स (Diet and weight loss tips)

इन चीजों को खाकर करें अस्थमा से बचाव

अस्थमा एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। अस्थमा के चलते इंसान की जान भी जा सकती है। इस बीमारी में सांस लेने की दिक्कत सामने आती है। दरअसल श्वास नलिकाएं ही हमारे फेफड़ो से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं में सूजन आ जाती है, जिससे ये सिकुड़ जाती हैं और फेफड़ों तक पर्याप्त हवा नहीं पहुंच पाती। इसके चलते ही रोगी को सांस लने में दिक्कत होने लगती है।

आपको बता दें कि अस्थमा को पूरी तरह से तो ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर नियंत्रण रखा जा सकता है। दरअसल अस्थमा किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकता है। बच्चों और बूढ़ों में अस्थमा होना एक आम बात है।

1. मौसम में बदलाव, धूल-मिट्टी, प्रदूषण और धुएं की वजह से अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से छाती में जकड़न, खांसी, नाक की घरघराहट और सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

इसके अलावा भावनात्मक रूप से आहत होने पर भी अस्थमा के अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा घास, लकड़ी, गैस, पेंट, स्मोकिंग और रसायनिक चीजों की गंध से भी अस्थमा का अटैक पड़ सकता है।


2. मौसम में बदलाव की वजह से होने वाले वायरल इंफेक्शन के चलते भी अस्थमा बढ़ जाता है। वहीं परफ्यूम, हेयर स्प्रे जैसी चीजों की गंध से भी अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है। पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भी अस्थमा होने संभावना रहती हैं।

कुछ खान-पान की चीजों जैसे ब्रेड, पास्ता, केक और पेस्ट्री के ज्यादा सेवन से अस्थमा बढ़ सकता है। इसके अलावा  मूंगफली, सोयाबीन, मछली, अंडे, दूध और दूध से बने उत्पाद से भी अस्थमा के बढ़ने की संभावना रहती है।


3. अस्थमा होने पर लगातार छींक आना, सांस फूलना, छाती में खिंचाव महसूस होना जैसे लक्षण नजर आते हैं। वहीं अस्थमा से बचने के लिए खाने में ताजे फल, सब्जियां, दलिया, ब्राउन राइस और साबुत अनाज जरूर शामिल करें।

अगर आपको अस्थमा है तो चुकुंदर, ठंडा पेय पदार्थ, डेरी उत्पाद, रेड मीट, सफेद आटा आदि न खाएं। योगा, एक्यूपंक्चर और एक्सरसाइज अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद करता है।