बेबी केयर (Baby Care)

नवजात शिशु के कफ को निकालने के सरल उपाय

मौसम जैसे ही बदलता है बच्चों को कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। बदलते मौसम में बच्चे बहुत ही जल्दी सर्दी जुकाम की चपेट में आ जाते हैं। साथ ही नवजात शिशुओं को कफ की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में बच्चे बेहद असहज महसूस करते हैं और आप भी उन्हें देखकर परेशान रहती हैं।

तो अब से आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इस लेख में हम आपको बताएंगे की कैसे नवजात शिशु की कफ की समस्या को सरल तरीकों तरीकों से दूर किया जा सकता है।

1. अजवाइन और लहसुन की पोटली -

नवजात शिशु में कफ की समस्या को दूर करने के लिए पहले लहसुन को मूसली से पीस और फिर इसे अजवाइन के साथ मुलायम कपड़े में रख दें। पोटली बच्चे की छाती पर रखने से पहले इसे तवे पर रख दें। जिससे पोटली हल्की गर्म हो जाए और बच्चे की खांसी की समस्या में आराम मिले व बलगम निकलने में मदद मिले।

लेकिन ध्यान रहे पोटली ज़्यादा गर्म न करें या बच्चे की छाती पर रखने से पहले एक बार हाथ से पोटली को जांच लें जिससे बच्चे की त्वचा को चोट न पहुंचे। अब इसे आराम-आराम से बच्चे की छाती और पैरों के तलवों पर कुछ-कुछ देर पर मलती रहें।

2. स्तनपान कराएं -

मां का दूध रोगनाशक दूध माना जाता है, जो बच्चे की सभी बीमारियों को दूर रखता है। अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है उसे दवा न देकर घरेलू उपायों की मदद लें। पर फिर भी अगर आप बच्चे को दवा देना चाहती हैं तो आपको पता होना चाहिए कि बच्चे के लिए सबसे दवा तो आप हैं।

मां का दूध बच्चे की छाती और नाक में बलगम जमने से रोकता है। इसके साथ ही मां के दूध से बच्चे के शरीर में जीवाणुओं को खत्म करने वाली एंटीबॉडीज़ होती हैं और इससे उनके शरीर में पानी की ज़रूरत भी पूरी होती है।

3. बच्चों की तेल मालिश करें –

बलगम को निकालने का एक और बेहतरीन तरीका है मालिश। मालिश करने से बच्चे की छाती में बलगम जमा नहीं होता और आसानी से निकल भी जाता है। आप आधा कप सरसों का तेल लें और उसमें लहसुन की कुछ कलियों व अजवाइन को डालकर गर्म कर लें।

जब तक लहसुन और अजवाइन भूरे रंग के न हो जाएं तब तक उसे गर्म तेल में ही रहने दें, लेकिन ध्यान रखें इस मिश्रण को बनाते समय लहसुन और अजवाइन को जलाना नहीं है। जब तेल गुनगुना हो तो उसे उंगलियों पर लेकर बच्चों की छाती व तलवों पर लगाकर मालिश करें।

4. बच्चे की पीठ थपथाएं –

इसमें आप बच्चे को गोदी में लें और फिर उसे उल्टा लेटकर उसकी पीठ हल्के हाथों से थपथाएं, लेकिन ध्यान रहे बच्चा नवजात है तो उसकी गर्दन को सहारा देने के लिए दूसरे हाथ का भी इस्तेमाल करें। ये उपाय भी आपके बच्चे की बलगम को जमने से रोकेगा।