पर्सनालिटी (PERSONALITY)

फटाफट जानें चंद्रयान-2 की कमान संभालने वाली उन 2 महिलाओं के बारे में

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2019 में दूसरी बार चांद पर उपग्रह भेजा था। इस मिशन को चंद्रयान-2 के नाम से जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस मिशन में उन 2 महिलाओं के बारे में जिन्होंने चंद्रयान-2 की कमान संभाली थी। अगर आपको नहीं पता तो इस लेख में हम आपको बताते हैं उन दो महिलाओं के बारे में –

कौन हैं ये दो महिलाएं -

चंद्रयान 2 मिशन की डायरेक्टर रितु करिधल, जिन्हें रॉकेट वुमन ऑफ़ इंडियाभी कहते हैं। साथ ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम वनीता हैं जिन्हें बेस्ट वुमन साइंटिस्ट का अवॉर्ड मिल चुका है. आइए आपको इनके बारे में और अच्छे से बताते हैं। 

एम वनीता -

एम वनीता सालों से सेटेलाइट डिज़ाइन पर काम करती आ रहीं हैं, वो चंद्रयान-2 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में जुडी हुई थी। वो इस प्रोजेक्ट पर पहले से ही एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में जुडी हुई थी, लेकिन डायरेक्टर पद पर वो चंद्रयान-2 मिशन शुरू होने से कुछ महीने पहले ही आई थी। एम वनीता एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर हैं। इस प्रोजेक्ट को मुकाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। वनिता पहले भी वनीता इसरो के कई सेटेलाइट प्रोजेक्ट्स की कमान संभाल चुकी हैं। वनिता को 2006 में एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया की तरफ से बेस्ट वुमन साइंटिस्ट का अवॉर्ड मिल चुका है। वनिता का नाम प्रॉमिसिंग वैज्ञानिकों की लिस्ट में भी शामिल है।

रितु करिधल -

रितु करिधल लखनऊ की रहने वाली हैं और वो चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। रितु ने इंडियन इंस्टिट्यूट से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया है। एक अखबार को इंटरव्यू देते हुए रितु ने कहा था कि उनकी विज्ञान में दिलचस्पी बचपन से ही रही है। उन्होंने बताया कि वो चाँद के बदलते आकार को लेकर हमेशा दुविधा में रहती थी। उनके मन में अंतरिक्ष के पार की दुनिया को लेकर भी दिलचस्पी रहती थी। 

रितु को 2007 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुका है। 20-21 सालों की सर्विस में रितु इसरो के कई प्रोजेक्ट्स में अपना योगदान दे चुकी हैं, इसमें मार्स ऑर्बिटर मिशन सबसे महत्वपूर्ण रहा है.