मथुरा

मथुरा संग्रहालय के बारे में जानकारी - Mathura Museum in Hindi

मथुरा संग्रहालय, शोध-अध्ययन और मथुरा की ऐतिहासिक वस्तुओं का एक विशाल संग्रहालय है। मथुरा संग्रहालय की इमारत अष्टकोणीय है व लाल बलुआ के पत्थरों से बनी हुई है। मथुरा संग्रहालय में कुषाण काल की मूर्तियाँ सबसे ज्यादा संरक्षित कर रखी गई हैं।

मथुरा संग्रहालय में पुरातात्विक वस्तुओं, पत्थर की मूर्तियां, वास्तुकला संबंधी वस्तुएं व शिलालेख, चांदी और तांबे के सिक्कों, पक्की मिट्टी की मूर्तियाँ (terracotta), खुदी हुई ईंटें, प्राचीन मिट्टी के बर्तनों के अवशेष, पीतल की वस्तुएं, चित्र और मिट्टी की मोहरें आदि को मथुरा के इतिहास के रूप में संजो कर रखा गया है।

यहाँ आपको तीसरी शताब्दी ई.पू से बारहवीं सदी तक का अतीत जिसमें कुषाण और गुप्ता सम्राटों के प्रतिमाएं और उनके शासनकाल की वस्तुओं को करीब से जानने का मौका मिलेगा।

मथुरा संग्रहालय का इतिहास - History of Mathura Museum in Hindi

मथुरा संग्रहालय का निर्माण सन् 1874 में मथुरा क्षेत्र के कलेक्टर एफ.एस.ग्रोस ने करवाया था। सन् 1930 में लाल बलुआ पत्थरों की नई इमारात बनने के पश्चात् संग्रहालय की सभी वस्तुओं को पुरानी इमारत से यहाँ स्थानांतरित कर दिया गया था।

इस संग्रहालय को पहले कर्जन पुरातत्व संग्रहालय के नाम से जाना जाता था बाद में इसका नाम बदलकर मथुरा संग्रहालय रख दिया गया।

मथुरा संग्रहालय में क्या देखे -

मथुरा संग्रहालय इस बात में अद्वितीय है कि यहाँ बुद्ध की वे दुर्लभ मूर्तियां संग्रहित कर रखी गई हैं जो कि भारत के किसी अन्य संग्रहालय में नहीं पाई जा सकतीं।

मथुरा संग्रहालय सलाह

  • मथुरा संग्रहालय में भारतीय पर्यटकों के लिए 5 रूपये व विदेशी पर्यटकों के लिए 25 रूपये का टिकट है।

  • यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है।

  • हर सोमवार, महीने के दूसरे रविवार और सरकारी अवकाश में संग्रहालय बंद रहता है।