श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा का, सबसे पवित्र स्थान है "कान्हा का जन्मस्थान"। भगवान कृष्ण का जन्म एक कारागार में हुआ था, जिस स्थान पर आज "कृष्ण जन्मस्थान" (Krishna Janmasthan Temple) भव्य मंदिर स्थित है, इस मंदिर को कटरा केशवदेव के नाम से भी जाना जाता है।
कृष्ण जन्मस्थान मंदिर, मथुरा के पुराने शहर में स्थित है। इस मंदिर के परिसर में एक गर्भग्रह, केशवदेव मंदिर और भगवत भवन है। मंदिर में श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन सुंदर-सुंदर चित्रों के माध्यम से किया गया है साथ ही मंदिर में श्री कृष्ण, राधा और बलराम की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
यहाँ स्थित भगवत भवन में पांच अन्य मंदिर, राधा कृष्ण युगल सरकार, श्री बलराम, सुभद्रा और श्री जगन्नाथ मंदिर, श्री सीता, राम, लक्ष्मण जी मंदिर, श्री जगन्नाथजी, श्री चैतन्या महाप्रभु मंदिर आदि स्थित हैं।
कृष्ण जन्मस्थान मंदिर का निर्माण सबसे पहले भगवान कृष्ण के पौत्र वज्रनाभ ने करवाया था। पौराणिक समय की एक शिला लेख से यह भी पता चलता है कि वसु नाम के एक भक्त ने यहाँ मंदिर, तोरण द्वार और वेदिका का निर्माण करवाया था। मुग़ल शासकों मुहम्मद गजनवी, सिकंदर लोधी और जहाँगीर द्वारा इस भव्य मंदिर को नष्ट किया गया था लेकिन श्री कृष्ण के भक्तों द्वारा हर बार इसे और सुंदर ढ़ंग से पुनःनिर्मित किया गया। अभी हाल ही में मंदिर का परिसर और कारागार श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट (Shri Krishna Janmabhoomi Trust) द्वारा बनवाया गया है।
माना जाता है कि कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के गर्भग्रह में भगवान कृष्ण की चार मीटर ऊंची, सोने की एक मूर्ति थी जिसे महमूद गज़नी ने आक्रमण के दौरान चुरा लिया गया था।
दान करने की इच्छा हो तो केवल दानपेटी में ही दान दें। लोकल गाइड्स के बहकावे में ना आएं।
मोबाइल फोन, पर्स और कैमरा आदि मंदिर में ले जाना मना है।
यमुना नदी में बोटिंग का आनन्द ले सकते हैं।
यह मंदिर काफी बड़ा है, शांतिपूर्वक दर्शन के लिए कम से कम 1:30 से 2 घंटे का समय मान कर चलें
मंदिर में प्रवेश के लिए व अपने फ़ोन या जरूरी सामान मंदिर के बाहर जामा करवाने के लिए शुल्क लगता है