केदारनाथ

गौरीकुंड के बारे में जानकारी - Gaurikund in Hindi

"गौरीकुंड" (Gaurikund) गौरी अर्थात माँ पार्वती का कुंड। 1,982 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र स्थल केदारनाथ की यात्रा प्रारंभ करने का आरंभिक क्षेत्र है जहाँ से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की यात्रा कर श्रद्धालु मंदिर पहुँचते हैं। निरंतर बहती वासुकी गंगा और ऊँचें-ऊँचें हरे भरे पर्वत, ऐसा मनोरम दृश्य प्रदान करते हैं कि भक्तों का रोम-रोम प्रकृति की देन से प्रफुल्लित हो उठता है।

कुंड में स्नान कर भक्त केदारनाथ यात्रा के लिए प्रस्थान करते हैं। कुंड के पास ही है माँ गौरी का प्राचीन मंदिर और थोड़ी दूरी पर भगवान गणेश का मंदिर।

गौरीकुंड का इतिहास - History of Gaurikund in Hindi

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए मां पार्वती ने इसी स्थान पर कठोर तपस्या की थी और उनके तप से प्रसन्न हो भगवान शिव ने माता को विवाह का वचन दिया था।

गौरीकुंड मे क्या देखे - 

इस कुंड का पानी सदैव गर्म रहता है और इसे औषधीय गुणों का माना गया है। हालाँकि वर्ष 2013 में हुई प्राकृतिक आपदा के कारण इस मंदिर को काफी नुकसान हुआ है जिसे अब राज्य सरकार द्वारा पुनःनिर्मित करवाया जा रहा है लेकिन कुंड का जल अभी भी श्रद्धालुओं को एक पाइप के जरिये मुहैया कराया जा रहा है।

गौरीकुंड सलाह -

  • जरूरी दवाईयां साथ रखें

  • यहां रहने व खाने-पीने के लिए कई होटल मौजूद हैं

  • अपने साथ गर्म कपड़े अवश्य रखें

  • मांस व शराब का सेवन न करें

  • साफ़-सफाई का ध्यान रखें