सौराष्ट्र में स्थित जूनागढ़ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (Junagadh Tourist Place) है। गिरनार पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित जूनागढ़ में कई प्राचीन मंदिर, महलों के अवशेष आदि मौजूद हैं। यहां पूर्व-हड़प्पा काल के स्थलों की खुदाई भी हुई है। कहा जाता है कि जूनागढ़ का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था। नवाबी ठाठ-बाट, प्राचीन किलों, महलों और अन्य ऐतिहासिक जगहों के कारण यह जगह हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है।
जूनागढ़ को पर्यटन की दृष्टिकोण से अधिक समृद्ध बनाने में यहां स्थित कई ऐतिहासिक इमारतों जैसे अपरकोट किला, जामा मस्जिद, भावनाथ मंदिर के साथ साथ सक्करबाग प्राणी उद्यान और गिर राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का अहम योगदान है। यहाँ का चोरवाड़ बीच भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
गुजरात में होने के कारण जूनागढ़ में खादी के वस्त्र बहुत पसंद किए जाते हैं। पर्यटक जूनागढ़ से सजावटी सामान, बंधनी साड़ी, खिलौने, सिल्क साड़ी आदि खरीदना पसंद करते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ से कई प्रकार के औषधीय पौधे आदि भी खरीदे जा सकते हैं।
जूनागढ़ का मौसम अकसर दिन के समय गर्म और रात के समय सर्द होता है, इसलिए यहां के मौसम के अनुसार कपड़े रखें।
सभी पहचान पत्र अवश्य अपने साथ रख लें।
जूनागढ़ की यात्रा के दौरान प्राणी उद्यान में सुरक्षा पर अवश्य ध्यान दें और जानवरों को देखकर चीखने चिल्लाने से बचें।
जूनागढ़ में पूर्व हड़प्पा संस्कृति के भी निशान मिलते हैं जिनसे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ होगा। सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल के कई शिलालेख आज भी यहां देखने को मिलते हैं।
1730 में जूनागढ़ को स्वतंत्र रियासत घोषित करने का श्रेय मोहम्मद शेर खान बाबी को जाता है। आजादी के बाद जूनागढ़ को लेकर भारत और पाकिस्तान में काफी तनाव हुआ। जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब मुहम्मद महबत खान तृतीय जूनागढ़ का पाकिस्तान में विलय चाहते थे लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद 25 फरवरी 1948 को जूनागढ़ रियासत का भारत में विलय हो गया।
राज्य - गुजरात
स्थानीय भाषाएँ - गुजराती, हिंदी, अंग्रेज़ी
स्थानीय परिवहन - बस, रिक्शा, टैक्सी व ऑटो
पहनावा - पुरुष धोती-कमीज और महिलाएं साड़ी पहनती हैं। यहां महिलाएं लहंगा-चोली भी पहनना पसंद करती हैं। यहां की रंग-बिरंगी जूतियां दुनिया भर में पसंद की जाती हैं।
खान-पान - गुजराती खाने के साथ जूनागढ़ में एक विशेष प्रकार की पाक-शैली "काठियावाड़ी" को बेहद पसंद किया जाता है। यह खाने में बेहद स्वादिष्ठ और मसालेदार (Hot & Spicy) होता है। इसके अलावा जूनागढ़ में "खम्मम ढ़ोकला" और "कढ़ी" पसंद की जाती है।
जूनागढ़ का सबसे बड़ा त्यौहार भावनाथ मेला है। गिरनार पर्वत पर मनाए जाने वाले इस पर्व के पीछे भगवान शिव के तांडव नृत्य से जुड़ी कथा है। भावनाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दौरान मनाया जाने वाला यह पर्व पांच दिनों तक चलता है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय पंतग महोत्सव, लिली परिक्रमा आदि भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
हवाई मार्ग - By Flight
जूनागढ़ से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पोरबंदर और राजकोट हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग - By Train
पोरबंदर, अहमदाबाद और अन्य कई शहरों से जूनागढ़ रेलवे स्टेशन तक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग - By Road
जूनागढ़ गुजरात के राजकोट, पोरबंदर, अहमदाबाद आदि सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
जूनागढ़ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक का माना जाता है। इस दौरान यहां का मौसम बेहद शांत और ठंडा रहता है।