जैसलमेर में स्थित पटवों की हवेली वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है। यह हवेली जैसलमेर में स्थित अन्य हवेलियों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। इसके महत्त्वपूर्ण होने दो प्रमुख कारण हैं पहला, यह केवल एक हवेली नहीं है बल्कि पांच हवेलियों का समूह है और दूसरा यह कि ये जैसलमेर में बनी पहली हवेलियां हैं। एक -दूसरे से जुड़ी हुई यह पांच हवेलियां कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं जिसके आगे के भाग पर की गई बारीक नक्काशी पर्यटकों को अचंभित कर देती हैं। हवेलियों के अन्दर स्थित शयन कक्षों को रंग- बिरंगे बेल- बूटों, पत्तियों, पशु- पक्षियों आदि की आकृतियों द्वारा सजाया गया है। एक व्यापारी द्वारा बनवाई गई इस हवेली को "बेल बूटेदार वस्त्रों के व्यापारियों की हवेली (Mansion of Brocade Merchants)” के नाम से भी जाना जाता है।
इस हवेली का निर्माण गुमन चंद पटवा ने वर्ष 1805 में बनवाया था। माना जाता है कि पटवा एक अमीर व्यक्ति और अपने समय का प्रसिद्ध व्यापारी था। इसलिए उसने अपने पांच बेटों के लिए एक- एक किला बनवाने का आदेश दे दिया।
वर्तमान में पटवों की हवेली सरकार के अधीन है और विभिन्न प्रकार के प्रयोजनों के लिए प्रयोग की जाती है। इसके अलावा हवेली में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय और राज्य के कला एवं शिल्प विभाग स्थित हैं।