जयपुर

जयपुर का बिरला मंदिर के बारे में जानकारी- Jaipur Birla Mandir in Hindi

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित बिरला मंदिर, मोती डूंगरी किले के समीप स्थित है। प्रारंभ में यह लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से प्रचलित था। शुद्ध सफेद संगमरमर से बना बिरला मंदिर परंपरागत प्राचीन हिन्दु मंदिरों से विपरीत, एक आधुनिक दृष्टिकोण के साथ बनाया गया था।

मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी व अन्य देवी-देवताओं की, संगमरमर के पत्थर से तराशी गई सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं। यह मंदिर अपनी बारीक नक्काशी के काम के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों पर खुदे धार्मिक चिन्हों, पौराणिक घटनाओं, गीता के श्लोक और उपनिषद इस मंदिर की सुंदरता में चार-चांद लगाते हैं।

हिन्दु देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा इस मंदिर में कई महान संतों व गौतम बुद्ध की तस्वीरें भी रखी गई हैं। इस मंदिर के चारों ओर हरा-भरा उद्यान और परिसर में एक छोटा सा संग्रहालय भी स्थित है।

बिरला मंदिर का इतिहास - History of Birla Mandir in Hindi

ऐसा माना जाता है कि सन् 1904 में भगवान लक्ष्मी नारायण के भक्त संत रामानुज दास ने यहाँ एक मंदिर का निर्माण करवाया था जिसके स्थान पर आज यह विशाल बिरला मंदिर स्थापित है। कहा जाता है कि संत रामानुज दास के सपने में आकर भगवान लक्ष्मी नारायण ने उन्हें इस स्थान पर मंदिर निर्माण करने का आदेश दिया था।

बिरला मंदिर मे क्या देखे -

सन् 1988 में बिरला ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने संत रामानुज दास द्वारा निर्मित मंदिर के स्थान पर बिरला मंदिर का निर्माण करवाया गया था। कहा जाता है कि जिस स्थान पर यह मंदिर स्थित है, उस जमीन को बिरला परिवार ने एक महाराजा से केवल एक रूपये में खरीदा था।

बिरला मंदिर सलाह -

  • यहां जाने का उत्तम समय अक्टूबर से मार्च तक है।

  • संग्रहालय में प्रवेश निःशुल्क है।

  • मंदिर के अन्दर तस्वीर लेना मना है।