नैनीताल

नैनीताल के बारे में जानकारी - Nainital in Hindi

नैनीताल (Nainital) भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। तीनों ओर से घने-घने वृक्षों की छाया और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों की तलहटी में बसा नैनीताल समुद्रतल से 1938 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। नैनीताल का जिक्र हिन्दू धर्मग्रन्थ, स्कंद पुराण के मानस खंड में त्रि-ऋषि-सरोवर यानि तीन संतों की झील के रूप में भी पाया जाता है। यह शहर हिन्दुओं के 52 शक्तिपीठ में से एक है। नैनीताल दो शब्दों से बना है- "नैनी" और "ताल", जिसमें नैनी का अर्थ आँख से है और ताल शब्द का तात्पर्य झीलों से। यहाँ की आराध्य देवी नैना देवी (Naina Devi) के नाम पर ही इस शहर का नामकरण हुआ था। नैनीताल के मंदिर, पहाड़, झीलें और खूबसूरत वादियाँ इसे एक सम्पूर्ण पर्यटन स्थल बनाती हैं। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो एक बार नैनीताल का भ्रमण अवश्य करें, यहाँ के सुंदर और लुभावने दृश्य आपको निराश नहीं करेंगे।

नैनीताल के बारे मे -

नैनीताल की तिब्बती मार्किट और माल रोड से ऊनी कपड़े, खिलौने, सस्ते मशीनी उपकरण खरीदें और स्ट्रीट फ़ूड का स्वाद लें।

नैनीताल की यात्रा सुविधाएं -

  • मार्च से अप्रैल के समय आपको ऊनी कपड़ों की आवश्यकता पड़ सकती है लेकिन अगर मई से जून के दौरन यहाँ घूमने का प्लान कर रहें हैं तो पहले से ही होटल की बुकिंग करवा लें क्योंकि यह नैनीताल का पीक सीज़न है।

  • ज्यादा कैश न रखें, नैनीताल में कई जगहों पर हर बैंक के एटीएम हैं।

  • ड्राइविंग करते समय सावधान रहें विशेषकर घुमावों पर। हो सके तो स्वयं गाड़ी चलाने की जगह किसी पेशेवर ड्राईवर को चुनें जिसे सभी मार्गो की जानकारी हो।

  • पहाड़ों पर ट्रैकिंग से पहले सनस्क्रीन, स्पोर्ट्स शूज, गॉगल्स और कैमरा जरुर रखें।

नैनीताल का इतिहास -

नैनीताल को बसाने का श्रेय ब्रिटिश चीनी व्यापारी पी. बैरन को जाता है। 1839 को जब वह नैनीताल आये तो यहाँ की सुंदरता को देख मंत्र-मुग्ध हो गए और चीनी व्यापार छोड़ कर उन्होंने यहाँ एक घर का निर्माण किया जिसका नाम "तीर्थयात्री कॉटेज" (Pilgrim Cottage) रखा। जल्द ही इस शहर को अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने का गौरव प्राप्त हुआ।

नैनीताल की सामान्य जानकारी -

  • राज्य- उत्तराखंड 

  • स्थानीय भाषाएँ- हिंदी, गढ़वाली, कुमाउनी

  • स्थानीय परिवहन- बस व टैक्सी 

  • पहनावा- यहाँ की महिलायें घाघरा-पिछौरा और साड़ी पहनती हैं एवं पुरुष पजामा, लम्बा कोट और ऊनी टोपी पहनते हैं।

  • खान-पान- नैनीताल में मुख्य रूप से चावल और चावल से बने व्यंजन मिलते हैं। रास, भांग की चटनी, उबले चावल, भट की चुरकनी, आलू के गुटके, काली-सफ़ेद और मडवे की रोटी, पुलाव, बाल मिठाई, पिनालु और गडेरी की सब्जी, अरसा और गुलगुला आदि यहाँ के स्वादिष्ट स्थानीय पकवान हैं।

नैनीताल के प्रमुख त्यौहार

  • नंदादेवी मेला - Nanda Devi Fair

नैनीताल में प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में नंदादेवी मेला आयोजित किया जाता है जिसमें नंदादेवी और सुनंदादेवी की धूमधाम से रथ यात्रा निकाली जाती है। गाजे-बाजे के साथ लोग माँ की आराधना करते हैं और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

  • गर्जिया देवी मेला - Garjiya Devi Fair

कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर साल गर्जिया देवो मंदिर में शानदार और भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।

नैनीताल कैसे पहुंचें -

  • हवाई मार्ग - By Flight

नैनीताल से करीब 65 से 70 किलोमीटर दूर, पंतनगर हवाईअड्डा यहाँ का निकटतम एयरपोर्ट है, जहाँ से टैक्सी या बस द्वारा पर्यटक लगभग 1 से 1½ घंटे में शहर पहुँच सकते हैं।

  • रेल मार्ग - By Train

काठगोदाम रेलवे स्टेशन, नैनीताल का सबसे निकट रेलवे स्टेशन है जो कि शहर से लगभग 20 से 25 किलोमीटर दूर है।

  • सड़क मार्ग - By Road

नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग 87 से जुड़ा है, नजदीकी शहरों दिल्ली, आगरा, देहरादून, हरिद्वार, लखनऊ, कानपूर और बरेली से रोजाना रोडवेज़ की बसे चलती हैं।

नैनीताल घूमने का समय -

अप्रैल के अंत से जून तथा सितंबर से अक्टूबर के समय नैनीताल का सौंदर्य उच्चतम स्तर पर होता है, यहाँ की यात्रा का यह उपयुक्त समय है। यदि बर्फबारी पसंद करते हैं तो जनवरी से मार्च तक के महीनों में यहाँ घूमने आ सकते हैं लेकिन ऊनी कोट, बूट्स, हैट्स और ग्लव्स जरुर रखें।