पहाड़ों की रानी- मसूरी (The Queen of Hill Stations), उत्तराखंड राज्य में प्रकृति की गोद में बसा हुआ यह शहर, देश के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है। धुंध के छट जाने पर शहर से जहाँ एक ओर दून घाटी का मनमोहक नज़ारा दिखाई देता है, वहीं दूसरी ओर दूर नज़र आने वाली सफेद बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियां आकर्षित करती हैं।
मसूरी में स्थित चर्च, इमारतें, लाइब्रेरी, होटल आदि इमारतों में ब्रिटिश राज की छाप साफ दिखाई देती है। गर्मियों के दिनों में मसूरी में पीक सीज़न होता है जब देश-विदेश के पर्यटक यहाँ सैर-सपाटे के लिए आते हैं। तपती गर्मियों में ठंड का दिलकश एहसास और ताज़ी हवा का अनुभव करना हो तो मसूरी एक उत्तम विकल्प है।
मसूरी शहर मुख्य तौर पर दो क्षेत्रों में बंटा हुआ है- पश्चिम की ओर "गांधी चौक" (Gandhi Chowk) और पूर्वी छोर पर "कुलरी बाजार" (Kulri Bazaar)। कुलरी बाजार से तकरीबन दो किलोमीटर की दूरी पर यहाँ का माल रोड स्थित है। इस शहर को "भारत के हनीमून कैपिटल" (Honeymoon Capital of India) का खिताब भी प्राप्त है।
मसूरी के गांधी चौक, माल रोड, कुलरी बाजार और लांडोर बाजार से पर्यटक खरीदारी कर सकते हैं। यहाँ की मार्केट्स में आप लोकल हैंडीक्राफ्ट्स, लोकल ड्रेसेज के साथ-साथ ब्रांडेड शोरूम्स की वस्तुएं भी पाएंगे।
अपने पहचान पत्र जरूर रखें
पॉलिथिन बैग्स यहाँ प्रतिबंधित हैं, इस्तेमाल न करें
पहाड़ों पर गाड़ी चलाना (Driving) थोडा खतरनाक हो सकता है, किसी अनुभवी ड्राईवर के साथ ही भ्रमण करें
चाहें तो गाड़ी या टैक्सी की जगह पैदल यात्रा कर मसूरी की सुंदरता का आनंद करीब से लें
किसी भी हिल स्टेशन की तरह यहाँ के मौसम में भी अचानक बदलाव आ सकता है, कपड़े और जरूरी सामान ध्यानपूर्वक रखें
सन् 1825 में ब्रिटिश आर्मी के कप्तान यंग ने यह सुंदर हिल स्टेशन खोजा था। उनकी खोज में देहरादून शहर के राजस्व अधीक्षक शोर भी शामिल थे। इन्होंने अपने श्रम से इस सुंदर पर्यटक स्थल को बसाया। माना जाता है कि इस जगह का नाम मंसूर झाड़ी के ऊपर रखा गया था जो कि कप्तान यंग के घर के पीछे खिलती थी।
राज्य- उत्तराखंड
स्थानीय भाषाएँ- कुमाऊनी, गढ़वाली, हिंदी, गोरखली, अंग्रेजी
स्थानीय परिवहन- कार, रिक्शा, टैक्सी
पहनावा- उत्तराखंड राज्य के कुमाऊनी और गढ़वाली क्षेत्र में घाघरी के साथ चोली और ओड़नी पहनने की परंपरा है। यहाँ के पुरूष धोती और लुंगी के ऊपर लंबा कुर्ता पहनते हैं। पर्यटक यहाँ ट्रडीश्नल व वेस्टर्न दोनों ही पहन सकते हैं।
खान-पान- बहुचर्चित हिल स्टेशन होने के कारण यहाँ हर प्रकार के व्यंजन के रेस्टॉरेंट हैं। यहाँ आप तिब्बती खाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। मोमोज़, थुकपा और खोतुम यहाँ के स्थानीय प्रसिद्ध व्यंजन हैं।
फूल देई - Phooldeyi
मार्च और अप्रैल के महीने में उत्तराखण्ड राज्य में फूल देई का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन छोटी बच्चियां जंगल से चैत्र माह में खिलने वाले नए फूल चुनकर लाती हैं और अपने आस पास के सभी घरों की दहलीज़ पर रख देती हैं। ऐसा करने को शुभ माना जाता है। बदले में घर के लोग उन बच्चियों को तोहफे में गुड़, चावल या मिठाई देते हैं।
गर्मियों का त्योहार - Summer Festival
मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा हर साल शहर में इस त्योहार का आयोजन किया जाता है। इस त्योहार का मकसद यहाँ की परंपरा, संस्कृति, इतिहास को सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा लोगों तक पहुंचाना है। इस उत्सव पर सेमिनार, डिबेट्स, लोक नृत्य प्रदर्शन, सांस्कृतिक परेड और अन्य कई मनोरंजक कार्यक्रम होते हैं।
हवाई मार्ग - By Flight
मसूरी से नज़दीकी हवाई-अड्डा राज्य के देहरादून शहर में स्थित है। जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से मसूरी की दूरी 82 किलोमीटर है।
रेल मार्ग - By Train
मसूरी शहर से नज़दीकी रेलवे स्टेशन देहरादून शहर में स्थित है।
सड़क मार्ग - By Road
उत्तराखंड राज्य के देहरादून शहर से मसूरी तक बस या प्राइवेट टैक्सी द्वारा जा सकते हैं।
मसूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त समय सितंबर से जून तक के महीने हैं।