अनामुडी पीक (Anamudi Peak) दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई लगभग 2695 मीटर है। अनामुडी शब्द का तमिल अर्थ होता है "हाथी का सिर"। अनामुडी पीक या पहाडियों को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि इन पहाड़ियों की आकृति एक हाथी के सिर की तरह लगती हैं। इस पहाड़ (Anamudi Peak) पर पहुंचने के बाद ऐसा लगता है जैसे यह आसमान को छू रहा हो और जब नीचे की ओर देखते है तो चाय के बागान का खूबसूरत दृश्य मन मोह लेता है। शीशम, चन्दन,सागौन, साबूदाने आदि पेड़ों से घिरे इस पहाड़ में वन्य जीव भी रहते हैं जिसमें अधिकतर नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr) और हाथी ही दिखाई देते है। ट्रैकिंग और फोटोग्राफी का शौक रखने वाले पर्यटकों के लिए अनामुडी की चोटी सबसे सर्वोत्तम जगह है।
इस ऊंची चोटी पर सबसे पहली चढ़ाई 4 मई 1862 में मद्रास आर्मी के जनरल डगलस हैमिल्टन द्वारा की गई थी। हालाँकि यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पहाड़ की चोटी पर चढ़ने वाला पहला व्यक्ति मुन्नार का ही स्थानीय निवासी था।
अनामुडी चोटी की सबसे खास बात है कि यह एराविकुलम (Eravikulam) राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी है। इसके आस- पास के स्थानों पर पर्यटक न केवल पेड़- पौधे देख सकते हैं बल्कि राष्ट्रीय उद्यान में वन्य प्राणियों को भी देख सकते हैं। यहां नीलगिरि तार, हाथी, बंगाल टाइगर जैसे जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
मानसून के मौसम में यहाँ भरी बारिश होती है जिसके कारण पर्यटकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है
अनामुडी चोटी फोटोग्राफी के लिए सबसे उत्तम जगह है इसलिए यहां यात्रा करते समय कैमरा ले जाना न भूलें
नवंबर से लेकर मई का महीना यहां घूमने के लिए सबसे बेहतर समझा जाता है