उत्तराखंड

माता मूर्ति मंदिर के बारे में जानकारी - Mata Murti Temple in Hindi

भगवान बद्री नारायण की माँ को समर्पित है “माता मूर्ति मंदिर”(Mata Murti Temple)। माता मूर्ति मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर की दूरी पर अलकनंदा नदी तट के दाहिनी ओर स्थित है। हर साल अगस्त महीने में माता मूर्ति मंदिर में एक मेले का आयोजन किया जाता है।

माता मूर्ति मंदिर का इतिहास - History of Mata Murti Temple in Hindi

पौराणिक कथा के अनुसार, माता मूर्ति ने भगवान विष्णु की तपस्या कर उनसे वरदान मांगा था कि वह अपने अगले अवतार में उन्हीं की कोख से जन्म लें। भगवान विष्णु ने माता मूर्ति की आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें यह वरदान दिया और एक दानव का नाश करने के लिए श्री हरि ने नर-नारायण रूप में माता मूर्ति की संतान के रूप में जन्म लिया था।

माता मूर्ति मंदिर मे क्या देखे -

माना जाता है कि माँ सच्चे मन से तप और भक्ति करने वालों को वैराग्य का वरदान देती हैं।

माता मूर्ति मंदिर सलाह -

  • अपने साथ जरूरी दवाईयां ले जाना ना भूलें

  • ट्रैकिंग सूट व गर्म कपड़े जरूर ले जाएं

  • इस मंदिर के कपाट सुबह छह बजे से लेकर रात के आठ बजे तक खुले रहते हैं