महाराष्ट्र

खंडाला के बारे में जानकारी - Khandala in Hindi

छुट्टियां मनाने और कुछ शांतिपूर्ण लम्हें बिताने के लिए सबसे सर्वोत्तम जगह है पुणे का "खंडाला" (Khandala) हिल स्टेशन। खंडाला, लोनावला से करीब तीन किलोमीटर दूर, भोर घाटी के अंत में बसा हुआ है। खंडाला का इतिहास अपने उपनिवेश होने की निशानियां आज भी संभाले हुए है। यहाँ स्थित ऐतिहासिक इमारतें मराठों, पेशवाओं और ब्रिटिशों के अधीन रहने की दास्ताँ बयाँ करती हैं।  

प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर, हरी-भरी पहाड़ियों, घाटियों, झीलों और जलप्रपातों के कारण यह हिल स्टेशन काफी प्रसिद्ध है। सुंदरता और ऐतिहासिक इमारतों के अलावा स्वादिष्ट खाना और यहाँ का प्रसिद्ध "हॉट केक" (Hot Cake) इसे सम्पूर्ण पर्यटन योग्य स्थल बनाते हैं।

यहाँ स्थित ईसा पूर्व बने गुफा मंदिर पर्यटकों को अचंभित कर देते हैं। ट्रैकिंग और फोटोग्राफी का शौक रखने वालों के लिए यह स्थान किसी खजाने से कम नहीं।

खंडाला के बारे मे -

पुणे शहर के लक्ष्मी नगर से स्थानीय और मनचाहे कपड़े, एमजी रोड से बेहतर गिफ्ट, फैशन स्ट्रीट से ज्वैलरी और जूना बाजार से पुरातात्त्विक वस्तुएं खरीद सकते है।

खंडाला की यात्रा सुविधाएं -

  • सर्दियों के दिनों में यहाँ यात्रा करते समय ऊनी कपड़े साथ ले जाना बिलकुल न भूलें

  • कहीं भी यात्रा करते समय जरूरी है कि आप अपने निजी वस्तुओं का स्वयं ध्यान रखें

  • पर्यटक खंडाला घूमने के बाद यहाँ से थोड़ी ही दूरी पर स्थित अन्य हिल स्टेशन लोनावला की सैर भी कर सकते हैं

  • यात्रा करते समय साथ में कैमरा अवश्य रखे ताकि खंडाला में बिताए हसीन लम्हे आप हमेशा याद रख सकें

खंडाला का इतिहास -

खंडाला के इतिहास से संबंधित अधिक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है लेकिन एक तथ्य के अनुसार ब्रिटिश अधिकारियों से पूर्व इस शहर पर महान मराठा छत्रपति शिवाजी और पेशवाओं ने शासन किया था। 1947 के बाद पुणे के साथ- साथ खंडाला ने भी विकास की राह पर चला है। 

खंडाला की सामान्य जानकारी -

  • राज्य - महाराष्ट्र

  • स्थानीय भाषाएँ - मराठी, अंग्रेज़ी, हिन्दी और गुजराती

  • स्थानीय परिवहन - ऑटो रिक्शा, कैब, बस, रिक्शा और टैक्सी

  • पहनावा - यहाँ की महिलाएं पैठानी साड़ी और नौवारी साड़ी पहनती हैं। पैठानी साड़ी शुद्ध सिल्क और सुनहरे धागे (जरी) से बनी होती है। यह साड़ी अधिकतर भड़किले (Bright) रंग की होती हैं, जबकि पुणे के स्थानीय पुरुष धोती- कुर्ता और पगड़ी पहनते हैं जिसे फेटा (Pheta) कहते हैं। लेकिन समय के अनुसार यहाँ का पहनावा बदल रहा है पारंपरिक कपड़ो के बजाय युवा जींस टी-शर्ट, शर्ट आदि पहनते हैं।

  • खान-पान- एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन होने के नाते आपको यहाँ कई रेस्टॉरेंट्स और होटल मिलेंगे जहाँ नॉर्थ-इंडियन, साऊथ इंडियन, चाइनीज़, इटैलियन और कॉन्टिनेंटल व्यंजन मिल जाएँगे। इसके अलावा यहाँ का लोकप्रिय व्यंजन हॉट केक खाना बिलकुल न भूलें।

खंडाला के प्रमुख त्यौहार -

  • गुड़ी पडवा - Gudi Padwa

गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र (मार्च- अप्रैल) महीने के पहले दिन मनाया जाता है। लोग इस दिन को नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। इस दिन लोग जल्दी उठकर अपने घर की साफ सफाई करते हैं और घर को रंगोली से सजाते हैं। आम के पत्तों का बंदनवार बनाकर घर के दरवाजे पर सजाया जाता है। इस पर्व में लोग खासतोर पर गुड़ और इमली को मिलाकर पकाया गया पकवान ही खाते हैं।

  • एकविरा देवी फेस्टिवल - Ekvira Devi Festival

यह त्यौहार एकविरा देवी के मंदिर में मछुआरों द्वारा मनाया जाता है। यह एक मुख्य त्यौहार है जो अक्टूबर माह की नवरात्रि में मनाया जाता है। इस दौरान यहाँ के निवासी कोली नृत्य और लोक संगीत समारोह के का प्रदर्शन करते हैं। 

खंडाला कैसे पहुंचें -

  • हवाई अड्डा - By Flight

खंडाला जाने के लिए निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मुंबई का छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जबकि इसका घरेलू हवाई अड्डा पुणे में स्थित है। 

  • रेलवे स्टेशन - By Train

खंडाला पहुंचने के लिए लोनावला और खंडाला रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है जो महाराष्ट्र के बड़े शहरों मुंबई और पुणे से जुड़ा है। मुंबई और पुणे से चलने वाली लोकल ट्रेनों द्वारा यहाँ पहुंचा जा सकता है। लोनावला और खंडाला रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा के लिए ऑटो रिक्शा और टैक्सी पर्यटकों को आसानी से मिल जाती है। 

  • सड़क मार्ग - By Road

मुंबई- पुणे एक्सप्रेसवे (Expressway) द्वारा खंडाला आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा महाराष्ट्र से भी खंडाला के लिए नियमित बसे चलती हैं।

खंडाला घूमने का समय -

खंडाला जाने का सबसे बेहतर समय जून से सितम्बर है। इस दौरान यहाँ बारिश का मौसम होता है जिसमें भीगकर खंडाला की प्राकृतिक सुंदरता और भी निखर जाती है।